सहारनपुर: किसान के बेटे को मुंह जुबानी याद 100 करोड़ तक पहाड़े, 'लिटिल आर्यभट्ट' का नाम गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज कराने के प्रयास तेज
सहारनपुर के कक्षा 10 की परीक्षा दे चुके छात्र चिराग राठी को 100 करोड़ तक पहाड़े याद है. कॉलेज प्रशासन ने उसका नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज कराने के लिए प्रयास तेज कर दिए हैं.
सहारनपुर, बलराम पांडेय: जनपद सहारनपुर की नकुड विधानसभा के गांव तिरपडी के किसान नरेंद्र राठी के पुत्र चिराग राठी जनपद में लिटिल आर्यभट्ट के नाम से प्रसिद्ध हो चुके हैं. तिरपडी गांव में ही जिला सिंह पब्लिक इंटर कॉलेज में शिक्षा ग्रहण करने वाले चिराग राठी को 100 करोड़ तक जुबानी पहाड़े याद हैं. यही नहीं, वो बड़ी से बड़ी संख्याओं का जोड़-घटाव, गुणा-भाग, वर्गमूल, घन बिना किसी कागज पैंसिल की सहायता से बड़ी आसानी से कर सकता है. छात्र की विलक्षण प्रतिभा को देखकर हर कोई दंग रह जाता है.
बता दें कि चिराग राठी ने कक्षा 10 की परीक्षा दी है. परिणाम अभी घोषित तक नहीं हुआ है. चिराग राठी का सपना बड़े होकर इंजीनियर बनने का है, लेकिन उनके पिताजी एक छोटे से किसान हैं. घर की माली हालत भी ठीक नहीं है. ऐसे में उसका परिवार ये सोचता रहता है कि चिराग राठी का इंजीनियर बनने का सपना कैसे पूरा होगा. हालांकि, जिला सिंह पब्लिक इंटर कॉलेज की तरफ से इस होनहार छात्र की पूरी मदद की जा रही है.
कॉलेज के प्रधानाचार्य विश्वास पंवार का कहना है कि कक्षा चार में पढ़ते वक्त इस बालक की विलक्षण प्रतिभा के दर्शन हुए थे. उस समय इस छात्र को 100 तक पहाड़े याद थे. इसके बाद स्कूल की तरफ से इसे प्रोत्साहित किया गया और अब कक्षा 10 में इस बच्चे ने 100 करोड़ तक पहाड़े याद कर लिए हैं. उन्होंने कहा कि इस बच्चे को सरकार की मदद की आवश्यकता है. यदि सरकार इस बच्चे की प्रतिभा का आकलन कर इसे अपने संरक्षण में ले ले, तो ये बच्चा एक दिन बड़ा वैज्ञानिक बन सकता है. उन्होंने ये भी बताया कि इस बच्चे की विलक्षण प्रतिभा को देखते हुए वह इसका नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज कराने के लिए लगातार प्रयासरत हैं.
यह भी पढ़ें:
फेल हो गए नोएडा पुलिस के सारे इंतजाम, दिल्ली-नोएडा बार्डर पर लगा भीषण जाम