सहारनपुर, एबीपी गंगा: अजान को लेकर एक बार फिर से देश में बहस छिड़ गई है. मशहूर गीतकार और लेखक जावेद अख्तर ने लाउडस्पीकर पर अजान देने का विरोध किया है, इसको लेकर उन्होंने एक ट्वीट किया. जिसपर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. अब देवबंदी उलेमा ने जावेद अख्तर के इस ट्वीट पर नाराजगी जाहिर की है. देवबंदी आलिम मुफ्ती अशद कासमी ने अख्तर को निशाने पर लेते हुए कहा कि वो खुद को चमकाने के लिए इस तरह का बयान दे रहे हैं, देश के लोगों को उनकी बातों पर ध्यान नहीं देना चाहिए.


जावेद अख्तर के बयान पर देवबंदी उलेमा भड़का 


कासमी ने जावेद अख्तर की अजान को लेकर की गई मांग पर दुख जाहिर करते हुए कहा कि इस तरह की मामले पहले भी लोग करते चले आए हैं. देश के लोगों को चाहिए कि इस तरह के लोगों की बातों पर जरा भी ध्यान ना दें, जो लोग इस तरह की बातें करते हैं, मैं उनको ये बताना चाहता हूं कि आजान का मतलब एलान होता है. आजान दी जाती है, तो मुसलमानों को मालूम हो जाता है कि नमाज का वक्त हो गया है. मुसलमान अपनी इबादतों में लग जाते हैं. आजान मात्र चंद मिनटों की होती है, इससे किसी को कोई एतराज और परहेज नहीं होना चाहिए. उन्होंने आगे कहा कि हमारे हिंदुस्तान का संविधान भी हमें इस चीज की इजाजत देता है. हर इंसान को अपने मजहब पर अमल करने की पूरी आजादी दी गई है. जब हमारे हिंदुस्तान का संविधान हमें इजाजत देता है तो जावेद अख्तर जैसे लोगों की क्या हैसियत है कि वह संविधान और इस्लाम की शरीयत की मुखालफत करें.


जावेद अख्तर की बात पर न दें ध्यान: उलेमा


वहीं, उन्होंने देशवासियों से अपील करते हुए कहा कि आप ऐसे लोगों की बातों पर बिल्कुल भी ध्यान न दें. ऐसे लोग इस तरह की बयानबाजी कर हमेशा सुर्खियों में रहना चाहते हैं. लाउडस्पीकर तो मंदिरों के अंदर भी है, गुरुद्वारों के अंदर भी लगे हुए हैं. मस्जिदों के अंदर चंद मिनटों में अजान हो जाती है. इससे किसी को ऐतराज नहीं होना चाहिए.


अपने आप को चमकाने में जुटे जावेद


कासमी यहीं शांत नहीं हुए, उन्होंने आगे कहा, 'जावेद अख्तर को ये मालूम होना चाहिए कि इस वक्त मुल्क के अंदर क्या हालात हैं. पूरी दुनिया और हमारा मुल्क कोरोना जैसी वैश्विक महामारी से लड़ रहा है. इस पवित्र महीने के अंदर और कुरान-ए- पाक की बरकत के चलते मुसलमान दुआ कर रहे हैं कि पूरी दुनिया और हमारे हिंदुस्तान से अल्लाह ताला कोरोना जैसी बीमारी का खात्मा कर दें. ऐसे हालात में जावेद अख्तर जैसे लोग अपने आप को चमकाने के लिए ऐसे हालात में भी इस तरह की बयानबाजी कर रहे हैं, ये बड़े दुख की बात है.


जावेद अख्तर ने क्या कहा था?


गौरतलब है कि जावेद अख्तर से लाउटस्पीकर पर अजान देने का विरोध करते हुए एक ट्वीट किया था. जिसमें उन्होंने लिखा था, 'तकरीबन 50 साल तक भारत में लाउडस्पीकर पर अजान हराम थी, इसके बाद ये हलाल हो गई और अब ये इस कदर हलाल हो गई है कि इसकी को सीमा नहीं रही. अजान करना ठीक है, लेकिन लाउडस्पीर पर इसे करना लोगों की असुविधा का कारण बन जाता है. मुझे उम्मीद है कि वो इस बार कम से कम खुद करेंगे.'





उनके इस ट्वीट के बाद से अजान को लेकर एक बार फिर से देश में बहस छिड़ गई है. कई लोग उनके इस ट्वीट का समर्थन कर रहे हैं, तो कई लोगों ने उन्हें ट्रोल करना शुरू कर दिया है.

साल 2017 में सोनू निगम ने भी किया था विरोध

बता दें कि जावेद अख्तर से पहले सिंगर सोनू निगम ने भी लाउडस्पीकर पर अजान देने का विरोध किया था. साल 2017 में सोनू ने अजान को लेकर ट्वीट करते हुए लिखा था, 'भगवान सबका भले करें, मैं मुस्लिम नहीं हूं और मुझे सुबह अजान के चलते उठना पड़ता है. भारत में ये जबरन धार्मिकता कब खत्म होगी?' उस वक्त भी सोनू के इस बयान पर खूब बवाल मचा था.

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