सहारनपुर: देवबंदी उलेमा मुफ्ती असद कासमी ने जम्मू-कश्मीर पर फारूक अब्दुल्ला के विवादित बयान की निंदा की है. उलेमा ने कहा कि फारूक अब्दुल्ला ने जिस तरह से कहा है कि चीन की सहायता से अनुच्छेद 370 की बहाली होगी वो ठीक नहीं है. मुफ्ती असद कासमी ने कहा कि दूसरे देश से उम्मीद करना ये अच्छी बात नहीं है. उलेमा ने कहा कि अब्दुल्ला सुप्रीम कोर्ट में जा सकते हैं, लेकिन चीन से उम्मीद करना उनकी इस बात से बिल्कुल भी सहमत नहीं हैं.


एतराज है तो सुप्रीम कोर्ट में अपील डालें
मुफ्ती असद कासमी ने कहा कि ''देखिए जिस तरीके से फारूक अब्दुल्ला जी का जो बयान आया है कि चीन की मदद से अनुच्छेद 370 की बहाली हो जाएगी तो उनके इस बयान से हम सहमत नहीं हैं. चीन कोई मायने नहीं रखता, हमारे देश के अंदर दखलअंदाजी करने का. अगर फारूक अब्दुल्ला जी को इस चीज पर एतराज है तो वो सुप्रीम कोर्ट में इस चीज की अपीली डालें.''


फारूक अब्दुल्ला की बात से सहमत नहीं
मुफ्ती असद कासमी ने कहा कि ''फारूक अब्दुल्ला केंद्र सरकार से अनुच्छेद 370 खत्म करने की मांग करें, सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करें ये बात तो समझ आती है लेकिन दूसरे देश का सहारा लिया जाए या दूसरा देश से उसे हटवाए जाए. ये बात हमारी समझ से बाहर है. हम उनकी बात से बिल्कुल भी सहमत नहीं हैं.''


जानें- फारूक अब्दुल्ला ने क्या कहा
गौरतलब है कि, फारूक अब्दुल्ला ने कथित तौर पर चीन की मदद से जम्मू और कश्मीर में अनुच्छेद 370 और 35ए बहाल किए जाने की उम्मीद जताई थी. अब्दुल्ला ने रविवार को कथित रूप से कहा था कि, ''जहां तक चीन का सवाल है मैंने तो कभी चीन के राष्ट्रपति को यहां बुलाया नहीं. हमारे वजीर-ए-आजम (प्रधानमंत्री) ने उसे गुजरात में बुलाया...मगर उन्हें वह पंसद नहीं आया और उन्होंने आर्टिकल 370 को लेकर कहा कि हमें यह कबूल नहीं है. और जब तक आप आर्टिकल 370 को बहाल नहीं करेंगे, हम रुकने वाले नहीं हैं. अल्लाह करे कि उनके इस जोर से हमारे लोगों को मदद मिले और अनुच्छेद 370 और 35ए बहाल हो.''



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