सहारनपुर: गन्ने की पाती और धान की पराली जलाने को लेकर लगातार किसानों की तरफ से धरने-प्रदर्शन किए जा रहे हैं. कई किसानों पर मुकदमे भी पंजीकृत किए जा चुके हैं जिस कारण किसानों की समस्या लगातार बढ़ती जा रही है. इसी को देखते हुए अब प्रशासन स्तर पर बड़ा फैसला लिया गया है.


मुकदमा पंजीकृत नहीं किया जाएगा
किसानों पर अब धान की पराली और गन्ने की पाती जलाने को लेकर कोई मुकदमा पंजीकृत नहीं किया जाएगा. लेकिन, फिर भी अगर गन्ने की पत्ती और धान की पराली जलाने को लेकर कोई जानकारी मिलती है तो पर्यावरण की क्षति को लेकर वसूली की जाएगी. जिलाधिकारी अखिलेश सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि हमारी तरफ से ग्राम प्रधान, ग्राम स्तरीय पंचायत सेक्रेट्री, लेखपाल वऔर राजस्व विभाग की सभी टीमों को किसानों को जागरूक करने के लिए लगाया गया है.


किसानों को किया जा रहा है जागरूक
जिलाधिकारी ने बताया कि धार्मिक स्थलों के लाउडस्पीकर और गांव में लगे हुए अन्य लाउडस्पीकरों के जरिए भी किसानों को लगातार जागरूक किया जा रहा है. इसके अलावा मल्चर गन्ना सोसायटी या अन्य सोसायटी को भी मल्चर प्रोवाइड किया जा रहा है ताकि उसके छोटे-छोटे टुकड़े करके खाद के रूप में प्रयोग किया जा सके.


की जाएगी वसूली
जिलाधिकारी अखिलेश सिंह ने बताया कि सेटेलाइट, शासन स्तर, कृषि विभाग के जरिए भी जानकारी हम लोगों को मिलती है. जिसके बाद प्रशासन स्तर पर लिए गए फैसले के अनुसार किसानों पर एफआईआर दर्ज न करके पर्यावरण को पहुंची क्षति आरोपित करने के बाद वसूली की जाएगी.



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