यूपी में कम हो जाएगा कांग्रेस का एक सांसद? PM मोदी पर की थी आपत्तिजनक टिप्पणी
UP Politics: उत्तर प्रदेश में कांग्रेस पार्टी के छह सांसद हैं. लेकिन, अब उनके एक सांसद की सांसदी पर खतरा मंडरा रहा है. वजह दस साल पुराना मामला में है जिसमें उनके खिलाफ कोर्ट में चार्ज फ्रेम हो गए हैं
Congress MP Imran Masood: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी 2024 लोकसभा चुनाव के प्रदर्शन के बाद काफी उत्साहित है. कांग्रेस 99 सीटों पर जीत करने के बाद दूसरे नंबर पर हैं, यही नहीं यूपी में भी समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन के बाद पार्टी ने अच्छा प्रदर्शन करते छह सीटें हासिल की. लेकिन अब कांग्रेस को झटका लग सकता है. यूपी में उसका एक सांसद कम हो सकता है. उसकी वजह से एक दस साल पुराना मामला, जिसमें सहारनपुर से कांग्रेस सांसद इमरान मसूद फंसते दिख रहे हैं.
कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने साल 2014 लोकसभा चुनाव में एक जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक बयान दिया था. इस मामले में कोर्ट में उनके खिलाफ कोर्ट ने चार्ज फ्रेम कर दिए हैं. जिसके बाद अब उन पर ट्रायल चलेगा. जिन धाराओं के तहत उन मुकदमा दर्ज किया गया है उसमें उन्हें पांच से सात साल तक की सजा हो सकती है.
एमपी एमएलए कोर्ट सहारनपुर के वकील गुलाब सिंह ने कहा, " साल 2014 के लोकसभा चुनावों के दौरान इमरान मसूद कांग्रेस के उम्मीदवार थे और एक सार्वजनिक रैली के दौरान उन्होंने पीएम मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी. उन्होंने दलित समुदाय के खिलाफ भी आपत्तिजनक बयान दिया, हम आने वाले दिनों में अदालत के सामने गवाह पेश करेंगे और हमें पूरा भरोसा है आरोपों के अनुसार, उन्हें 3-7 साल की जेल की सजा हो सकती है"
#WATCH | Saharanpur, UP: Gulab Singh, Advocate MP MLA Court Saharanpur says, " During the 2014 Lok Sabha elections, Imran Masood was Congress candidate...during a public rally, he made objectionable remarks against PM Modi...he also made objectionable statement against Dalit… pic.twitter.com/4z2xhFD0qu
— ANI (@ANI) October 24, 2024
इमरान मसूद की जा सकती है सांसदी
माना जा रहा है कि कोर्ट जल्द ट्रायल कर इस मामले पर फैसला सुना सकती है. अगर इमरान मसूद इस मामले में दोषी साबित होते हैं और उन्हें दो साल से ज्यादा सजा मिलती है तो उनकी लोकसभा सदस्यता तक जा सकती है. नियमों के मुताबिक इस तरह के मामलों में उस सीट पर दोबारा उपचुनाव कराए जाते हैं.
दरअसल इमरान मसूद ने दस साल पहले लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान देवबंद के एक गांव में पीएम मोदी को लेकर बोटी-बोटी काट देने वाला बयान दिया था. उनका ये बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था, जिसके बाद विवादों में आ गए थे. इस मामले में उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था और उन्हें जेल तक जाना पड़ा था. हालांकि वो अपने बयान को लेकर माफी मांग चुके हैं लेकिन, अब कोर्ट ने उन पर चार्ज फ़्रेम कर दिए हैं. ऐसे में उनकी सांसदी पर खतरा मंडरा रहा है.
गाजियाबाद के DM की कार्यप्रणाली पर अदालत ने जताई नाराजगी, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने किया तलब