UP News: दारुल उलूम में महिलाओं का प्रवेश होगा शुरू, फोटो व वीडियो शूट पर रोक, एंट्री पास जरूरी
UP News: इस्लामी तालीम के प्रमुख केंद्र दारुल उलूम ने संस्था में महिलाओं की एंट्री को खोल दिया है. हालांकि महिलाओं के प्रवेश के लिए कई नियम भी बनाए गए हैं जिनका पालन करना अनिवार्य होगा.
Saharanpur News: इस्लामी तालीम के प्रमुख केंद्र दारुल उलूम ने संस्था में महिलाओं की एंट्री को खोल दिया है लेकिन संस्था ने इसके लिए कड़े नियम बनाए है. नए नियमों के तहत दारुल उलूम भ्रमण को पास जारी होगा. महिलाएं व युवतियां पर्दे में रहकर संस्था में घूम सकेंगी. गत मई माह में दारुल उलूम प्रबंधन ने संस्था में शिक्षण कार्य के दौरान बाहरी महिलाओं के प्रवेश पर रोक लगा दी थी.
रोक के पीछे बताया गया कि, बाहर से संस्था में भ्रमण को आने वाली महिलाएं जहां बेपर्दा घूमती थी, बिना हिजाब फोटो भी लेती थीं. इतना ही नहीं रील बनाकर और इस पर गाने की एडिटिंग कर इन्हें इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित कर देती थी. इससे संस्था को फजीहत झेलनी पड़ रही थी. इसके चलते संस्था ने महिलाओं की एंट्री को बैन कर दिया था. इसे लेकर इंटरनेट मीडिया पर भी खासी बहस छिड़ी थी.
रात के समय प्रवेश पर रहेगी रोक
पिछले पांच माह से अकीदत के साथ दूर दराज से संस्था घूमने आने वाली महिलाओं को मायूस होकर लौटना पड़ रहा था. बाहर से आने वाले लोग लगातार प्रबंधन से महिलाओं के प्रवेश की इजाजत की मांग कर रहे थे. अब इस मामले में प्रबंधन ने अपने रुख को नरम किया है और कड़े नियमों के साथ महिलाओं को प्रवेश की इजाजत दे दी है. हालांकि रात के समय घूमने की मनाही रहेगी. अगले सप्ताह से यह व्यवस्था शुरू कर दी जाएगी. दारुल उलूम के मोहतमिम मुफ्ती अबुल कासिम नौमानी ने बताया कि दारुल उलूम भ्रमण के लिए कुछ नियम बनाए गए है, जिनका पालन जरूरी होगा.
मुफ़्ती असद कासमी ने बताया कि जो दारुल उलूम देवबंद का फैसला आया है. औरतों की एंट्री को लेकर प्रवेश पास जारी किया जाएगा यह बहुत अच्छी बात है. यह होना भी चाहिए कोई भी संस्था हो, कोई भी इदारा हो या कोई भी यूनिवर्सिटी हो उसके अपने कानून होते हैं. देवबंद दारुल उलूम के भी कुछ कानून है इसको लेकर देवबंद दारुल उलूम ने एक एंट्री पास जारी किया है.
महिलाओं को लेकर आमतौर पर देखा गया है कुछ औरतें ऐसी पाई गई जो उसके अंदर जाकर खुराफात करती थी और रील बनाती थी, जाहिर से बात है अब एंट्री होगी तो पता लगेगा कौन है कहां से है. यदि कोई घूमने के लिए और देखने के लिए दारुल उलूम आता है जिसमें इत्मीनान के साथ यह काम किया जाएगा. दारुल उलूम का यह फैसला काबिले तारीफ है और स्वागत योग्य है.
(सहारनपुर से मुकेश गुप्ता की रिपोर्ट)
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