देवबंद के ईदगाह मैदान पर चल रहे जमीयत उलमा ए हिंद (Jamiat Ulama-e-Hind) की राष्ट्रीय प्रबंधन कमेटी के दो दिवसीय इजलास की शाम आठ बजे से आयोजित हुई दूसरी बैठक में जमीयत उलेमा ए हिंद के प्रमुख और दारुल उलूम देवबंद सदर उल मुदर्रिसीन मौलाना सैयद अरशद मदनी (Maulana Syed Arshad Madani) शामिल हुए. इस दौरान पंडाल में पहुंचने पर जमीअत उलमा ए हिंद के अध्यक्ष और पूर्व सांसद मौलाना महमूद मदनी ने मौलाना अरशद मदनी का भव्य स्वागत किया.
दोनों गुट एक हो जाएंगे- अरशद मदनी
इस अवसर पर मौलाना सैयद अरशद मदनी ने कहा, अल्लाह करे ये इजलास जमीयत उलमा हिंद को एक करने का सबब बन जाए. हालात और मुसलमानों के दिलों की आवाज से हमें यकीन है कि वह दिन दूर नहीं है जब जमीयत उलेमा हिंद के दोनों गुट एक हो जाएंगे. उन्होंने जमीयत उलेमा ए हिंद के बुजुर्गों की जिंदगी के मकसद पर रोशनी डाली और कहा कि दोनों जमाइतों का एक ही मकसद है. आने वाले दिन आप लोगों के लिए बड़ी खुशखबरी होगी और हमें उम्मीद है कि जमीअत उलमा हिंद एक प्लेटफार्म से हालात का मुकाबला करेगी.
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हालात का मुकाबला करना है- अरशद मदनी
मौलाना सैयद अरशद मदनी ने कहा, हमारे उलेमा ने देश की आजादी से लेकर बाबरी मस्जिद जैसे मुद्दों तक के हालात के लिए बड़ी कुर्बानियां दी हैं और कानूनी और संवैधानिक लड़ाई लड़ी है. हमारे बुजुर्ग कभी सड़कों पर नहीं उतरे लेकिन उन्होंने संवैधानिक तरीकों से लड़ाई लड़ी है. हमें भी उसी तरीके से हालात का मुकाबला करना है. अगर ऐसा ना हुआ तो हम नाकाम हो जायेंगे.
बहुसंख्यक नफरत का शिकार- अरशद मदनी
अरशद मदनी ने कहा कि, हम कहीं बाहर से नहीं आए हैं बल्कि यह देश हमारा है और हम यहीं के ही हैं. उन्होंने कहा कि यह बदकिस्मती है कि देश का बहुसंख्यक समाज नफरत का शिकार हो गया है और सत्ता में बैठे लोग धर्म के नाम पर देश के लोगों को नफरतों में बांट रहे हैं. उन्होंने कहा कि डरने और घबराने की जरूरत नहीं है. हमें हालात का मुकाबला करना है लेकिन सड़कों पर उतरकर नहीं बल्कि प्यार और मोहब्बत के साथ.
सत्ता में बैठे लोगों की जुबान बंद-अरशद मदनी
अरशद मदनी ने इशारों इशारों में सरकार पर हमला बोला और कहा कि देश के हालात बिगड़ रहे हैं लेकिन सत्ता में बैठे लोगों की जुबान बंद है. हमें धर्म से ऊपर उठकर इस्लाम धर्म के इंसानियत के संदेश को आगे बढ़ाना है. अगर हम ऐसा करेंगे तो इंशाल्लाह हालात जरूर बदलेंगे और आग लगाने वाले ही उस आग में फना हो जाएंगे.
सरकार पर लगाया ये आरोप
मौलाना मदनी ने कहा कि हमें बहुसंख्यक समाज के लोगों से नजदीकियां बढ़ानी चाहिए और प्यार मोहब्बत के साथ हालात का मुकाबला करते हुए उन्हें अपने मदरसों और अपने स्कूलों के शिक्षा के निजाम के बारे में समझाना चाहिए. मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि, सत्ता में बैठे लोग चाहते हैं कि धर्म के नाम पर लोग सड़कों पर आएं और एक-दूसरे से भिड़े. अगर मुसलमान हालात को नहीं समझते हैं और सड़कों पर निकलते हैं तो वे भी सांप्रदायिक ताकतों को मजबूत करने वाले होंगे.
मुकाबला किसी हिंदू से नहीं- अरशद मदनी
अरशद मदनी ने कहा कि, हमारा मुकाबला किसी हिंदू से नहीं है बल्कि उस सरकार से है जो धर्म के नाम पर लोगों को बांटकर देश को बर्बाद कर रही है. उन्होंने कहा कि हम कोर्ट कचहरी में जाएंगे और मैं कहता हूं कि भारत में अभी इंसाफ जिंदा है और जो लोग नफरत फैला रहे हैं और आग लगा रहे हैं वे जलील होंगे, इसलिए मायूस होने की जरूरत नहीं है. इस देश में ऐसे भी लोग हैं जिन्होंने मॉब लिंचिंग जैसे मुद्दों और हालात पर अपने अवार्ड वापस किए और प्रधानमंत्री-राष्ट्रपति को पत्र लिखकर अपनी नाराजगी जताई.
देश बर्बाद हो जाएगा-अरशद मदनी
अरशद मदनी ने कहा, हमारा जनता से यही कहना है कि, हमारा आम हिंदू से कोई मुकाबला नहीं है बल्कि हमारा मुकाबला सरकार से है. उन्होंने कहा कि हम सरकार के सामने अपनी बात रखेंगे अगर सरकार नहीं समझेगी तो देश बर्बाद हो जाएगा ना अल्पसंख्यक बचेंगे ना बहुसंख्यक बचेंगे. उन्होंने कहा के देश के हालात का मुकाबला सिर्फ प्यार मोहब्बत से किया जा सकता है.
उपाध्यक्ष और कोषाध्यक्ष चुने गए
इस दौरान वक्फ संपत्तियों, अल्पसंख्यकों की शिक्षा और अधिकारों, पर्यावरण संरक्षण, पानी की बर्बादी और पौधा रोपन को लेकर प्रस्ताव रखकर उनपर चर्चा की गई.
इस अवसर पर मौलाना महमूद मदनी ने जमीयत उलेमा हिंद के उपाध्यक्ष के लिए दारूल उलूम देवबंद के उसताज मौलाना सलमान बिजनोरी और मौलाना अहमद देवला गुजरात जबकि कोषाध्यक्ष के लिए कारी शौकत वैट का नाम पेश किया, जिसका सभी ने हाथ उठाकर समर्थन किया.