Saharanpur: खनन कारोबारी हाजी इकबाल पर कसता जा रहा पुलिस का शिकंजा, 600 बीघा जमीन होगी कुर्क
एसएसपी सहारनपुर की माने तो जल्द ही हाजी इकबाल और उससे जुड़ी फर्जी कंपनियों से जुड़े लोग पुलिस की गिरफ्त में होंगे.
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उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के सहारनपुर (Saharanpur) में बसपा के पूर्व एमएलसी और खनन कारोबारी हाजी इकबाल व उनके परिवार पर लगातार शिकंजा कसता ही जा रहा है. गैंगस्टर एक्ट में वांछित चल रहे हाजी इकबाल की बेहट इलाके में करीब 600 बीघा जमीन जो उसके नौकर नसीम के नाम थी जिसकी कीमत करीब 21 करोड़ रुपये है गैंगस्टर एक्ट के अधिनियम के तहत कुर्क की जाएगी.
शिकंजा कसता जा रहा
एसएसपी आकाश तोमर ने बताया कि एक साथ कुर्की की ये कार्रवाई पूरे उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक होगी. खनन कारोबारी हाजी इकबाल के साथ उनके परिवार और करीबियों पर लगातार कानून का शिकंजा कसता जा रहा है. पिछले सप्ताह ही एसआईटी की जांच के बाद पुलिस ने इकबाल के खेत में काम करने वाले नौकर नसीम को गिरफ्तार किया था. नसीम के नाम तीन चीनी मिलों और 600 बीघा जमीन है.
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करोड़ो के मालिक मजदूर
इसका खुलासा होने के बाद यहां से लेकर लखनऊ तक हड़कंप मच गया था. पुलिस ने बताया था कि नसीम को गोल्डन एग्रीकल्चर लिमिटेड में है डायरेक्टर दिखाया गया है जबकि खनन कारोबारी मोहम्मद हाजी इकबाल के यहां नसीम नौकरी करता है. करोड़ो की बेनामी सम्पत्ति का मालिक होने के बावजूद नसीम और उसके बेटे मजदूरी करते थे. इससे पहले एमएलसी हाजी इकबाल के खास सहयोगी पूर्व ब्लॉक प्रमुख राव लईक को पुलिस ने हिरासत में लिया था.
खास बात ये है कि हाजी इकबाल की पहुंच का अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि गैंगस्टर एक्ट में पकडे गये हाजी इकबाल के राइट हेंड राव लईक को इनके कानूनी धुरंधरों ने महज दो सप्ताह में जमानत दिलाकर जेल से बाहर करा लिया. इस एक्ट में बंद व्यक्ति को बाहर आने में 6 माह से ज्यादा का समय लग जाता है.
इन्हें भी हिरासत में लिया गया
इसी मामले में एसआईटी की जांच के बाद रजिस्टार कानूनगो जनेश्वर प्रसाद और राजस्व निरीक्षक बीरबल को भी हिरासत में लिया गया था. इन लोगों द्वारा अब्दुल वाहिद एंड चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा गलत तरीके से मिलीभगत कर सरकारी जमीनों को ट्रस्ट के नाम दर्ज किया गया था .
गर्दन फंसी हुई
फिलहाल इकबाल और प्रशासन में शह मात का खेल जारी है. एक तरफ सरकार माफियाओं को खत्म करने में लगी है तो दूसरी तरफ हाजी इकबाल अपने कानूनी धुरंधरों के बल पर हर जांच के खिलाफ अदालतों से स्थगन आदेश लेकर अपनी जान बचाई हुए है. ईडी आयकर और लोकल एसआईटी की जांच में हाजी इकबाल की गर्दन फंसी हुई है. एसएसपी सहारनपुर की माने तो जल्द ही हाजी इकबाल और उससे जुड़ी फर्जी कंपनियों से जुड़े लोग पुलिस की गिरफ्त में होंगे.
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