Saharanpur: रामचरितमानस पर विवादित बयान देने वाले बिहार के मंत्री को स्वामी दीपांकर महाराज की चुनौती, कही ये बात
UP News: स्वामी दीपांकर महाराज ने कहा, अगर वे यह बयान किसी और मजहब के लिए दे देते उनके खिलाफ तुरंत फतवा जारी हो जाता और उनके पैर कांपने लगते. वे पद की मर्यादा बनाए रखें.
Uttar Pradesh News: बिहार सरकार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर (Bihar Education Minister Chandrashekhar) के रामचरित्रमानस पर दिए गए विवादित बयान पर सहारनपुर में मीडिया से बात करते हुए स्वामी दीपांकर महाराज (Swami Dipankar Maharaj) ने अपनी कड़ी प्रतिक्रिया दी है. स्वामी दीपांकर महाराज ने कहा कि कोई दूसरा मंत्री अगर ऐसा बयान दे तो समझ में आता है, लेकिन शिक्षा मंत्री ही ऐसा बोलेगा कि रामचरित्रमानस (Ramcharitmanas) को पढ़कर इस देश के हालात अच्छे नहीं हैं, रामचरित्रमानस इस देश को बांटने वाला है, तो इसपर मैं हैरत में हूं.
स्वामी दीपांकर महाराज ने आगे कहा कि, एक मंत्री कहते हैं कि श्रीमद्भागवत गीता हमें जिहाद सिखाती है और देश को बांट रही है. मुझे दुख इस बात का है कि राम के देश में ही राम का विरोध हो रहा है जो किसी के लिए भी दुखद है. यह किसी को बिना देखे बुराई करना है. मुझे दुख इस बात का है कि मंत्री का बयान सनातन पर ही आता है क्योंकि हमारे यहां त्यागी, ब्राह्मण, वैश्य हैं, लेकिन कोई हिंदू नहीं है. अगर हिंदू होकर रहेंगे तो मंत्री जी हिम्मत नहीं जुटा सकते कि ऐसा बयान दें.
मंत्री को दी चुनौती
स्वामी दीपांकर महाराज ने कहा कि, मंत्री को चुनौती देते हुए मैं कहता हूं कि अगर वे यह बयान किसी और मजहब के लिए दे देते उनके खिलाफ तुरंत अगले दिन ही फतवा जारी हो जाता और उनके पैर कांपने लगते. वे एक मंत्री हैं इसलिए अपने पद की मर्यादा बनाए रखें. बिहार में जातिगत जनगणना करानी है तो किसी और मजहब की जातिगत जनगणना करा कर देखें तो मैं मानूं.
मदनी के बयान पर स्वामी दीपांकर महाराज ने कहा कि, अगर उनके साथ विकट परिस्थिति है तो मुझे भी दुख है, अगर खतरा है तो दुख मुझे भी है कि हमें जातियों में क्यों बांटा जा रहा है. अगर सच में इनको खतरा है तो क्यों नूपुर शर्मा को छिप कर रहना पड़ रहा है और कोई एक शब्द बोले तो उनका सर तन से जुदा हो जाता है, यह सोचना चाहिए.