Rudrapur Sahil Singh: उत्तराखंड (Uttarakhand) के रुद्रपुर के रहने वाले एक युवा ने प्रदेश का ही नहीं बल्कि देश का नाम भी रोशन कर दिया है. सिर्फ 26 साल की उम्र के ये युवा स्टेट ऑफ अफ्रीकन डायस्पोरा (African Diaspora) के प्रधानमंत्री का सलाहकार बन गए हैं. युवा साहिल सिंह का कहना है कि स्टेट ऑफ अफ्रीकन डायस्पोरा देश से प्रोटोकॉल मिलने के बाद उनका पहला काम भारत और स्टेट ऑफ अफ्रीकन डायस्पोरा के बीच मधुर संबंध बनाना है. साथ ही दोनों देशों के बीच उद्योगों को बढ़ाने के साथ ही बैंकिंग और शिक्षा के क्षेत्र में काम करना भी उनका लक्ष्य है. साहिल सिंह के पीएम का सलाहकार बनने के बाद शहरवासियों में खुशी का माहौल है. उनके पिता सेवा सिंह निर्माण कार्यों के ठेकेदार है और उनकी माता का कोरोना के चलते अप्रैल में निधन हो गया था. वर्तमान में उनका परिवार ग्रीन पार्क में रहता है. जबकि साहिल खुद दिल्ली में रहते हैं.
बता दें कि साहिल सिंह इससे पहले मॉडल यूनाइटेड नेशन के डेलीगेट रह चुके हैं. साहिल की शिक्षा रुद्रपुर के रेनबो पब्लिक स्कूल में हुई है. बाद में वो दिल्ली चले गए और महर्षि विश्वविद्यालय नोएडा से बीसीए की पढ़ाई की. साहिल ने अपने करियर की शुरुआत इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय से ट्रेनिंग कर की. उसके बाद 2016 में उत्तराखंड सरकार के पूर्व मंत्री कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन के निजी सचिव रहे. इस पद से इस्तीफा देकर उन्होंने दुबई की मल्टीनेशनल कंपनी में डायरेक्टर के रूप में काम किया. उसके बाद भारत और कनाडा समेत अन्य देशों की कंपनी में कार्य करते रहे.
साहिल सिंह की जनवरी 2019 में मॉडल यूनाइटेड नेशन में डेलीगेट के रूप में नियुक्ति हुई. जिसके बाद उन्होंने पब्लिक और सोशल वेलफेयर के क्षेत्र में काम किया. 2021 में यूनाइटेड यूथ सर्किट में बोर्ड ऑफ डायरेक्टर के रूप में नियुक्ति हुई. जहां उनकी मुलाकात देश-विदेश के कई प्रधानमंत्री और राष्ट्रपतियों के साथ हुई. इनके इन्हीं कार्य को देखते हुए स्टेट ऑफ अफ्रीकन डायस्पोरा के प्रधानमंत्री डॉ लुइस जॉर्ज टिन ने उन्हें 8 सितंबर 2021 को अपना सलाहकार नियुक्त किया.
साहिल पूरे देश मे सबसे कम उम्र के किसी विदेशी प्रधानमंत्री के सलाहकार बनने वाले पहले युवा है. उनका कहना है कि उनका पहला प्रयास भारत और स्टेट ऑफ अफ्रीकन डायस्पोरा के बीच मधुर संबंध बनाना है ताकि दोनों देशों के बीच में आपसी तालमेल हो. उसके साथ ही अफ्रीकन यूनियन के 55 देशों के साथ मिलकर डिजिटल विश्वविद्यालय बनाने का लक्ष्य भी है.
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