UP News: पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) और इसके सहयोगी संगठनों पर पांच साल का प्रतिबंध लगाए जाने पर एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) और, सपा नेता शफीकुर्रहमान बर्क (Shafiqur Rahman Barq) भड़के हुए हैं. वहीं अब इस कड़ी में बसपा सांसद हाजी फजलुर्रहमान (Haji Fazlur Rehman) का नाम जुड़ गया है. उन्होंने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह फैसला लोकतंत्र के खिलाफ है. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में हर किसी को अपनी बात कहने का हक है. 


PFI बैन पर किया यह दावा


सहारनपुर से बसपा के सांसद हाजी फजलुर्रहमान ने इसको दुखद करार देते हुए कहा, 'हमारे हिंदुस्तान में जम्हूरियत का बोलबाला है. हर किसी को अपनी बात उठाने का हक है, मुझे लगता है शायद सरकार को इस बात का एहसास होगा कि पीएफआई सियासी तौर पर उसे नुकसान दे सकती है और इसको शायद इसलिए बैन किया गया है. इस बैन करने की हम निंदा करते हैं और उम्मीद करते हैं कि हर किसी को जम्हूरियत में अपनी बात कहने का मौका मिलेगा और इनको भी यह मौका मिलना चाहिए.' 


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सरकार विरोधी लोगों पर कार्रवाई- फजलुर्रहमान 


वहीं, छापेमारी के दौरान पीएफआई के कार्यकर्ताओं के पकड़े जाने को लेकर हाजी फजलुर्रहमान ने कहा, 'इस तरह का कोई भी सबूत सामने नहीं आया कि वह लोग दोषी हैं. जो लोग मौजूदा सरकार के खिलाफ हैं, उनको जेल में डालने का काम किया जा रहा हैं और अधिकतर लोग जांच के बाद निर्दोष साबित होते हैं. उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं मिलता, लेकिन हमारी मौजूदा सरकार इसी पैटर्न पर चल रही है.' उल्लेखनीय है कि दिल्ली और यूपी सहित देश के नौ राज्यों में पीएफआई के ठिकानों पर छापेमारी की गई जिसमें कई लोगों को गिरफ्तार भी किया है. ऐसी ही एक गिरफ्तारी एनआईए ने केरल से की थी, गिरफ्तार किए गए व्यक्ति से पूछताछ में चौकाने वाली बातें सामने आई थीं.


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