बुलंदशहर, एबीपी गंगा। उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) द्वारा सैनिक स्कूल बनवाया जा रहा है। ये सैन्य स्कूल शिकारपुर तहसील के गांव खंडवाया में न सिर्फ तैयार किया जा रहा है, बल्कि इस स्कूल में अगले सत्र से पढ़ाई भी शुरू हो जाएगी। आरएसएस द्वारा संचालित सेवा भारती का बुलंदशहर में पहला आवासीय सैन्य शिक्षा प्रदान करने वाला सीबीएसई बोर्ड का विद्यालय होगा। जिसमें कक्षा 6 से 12 तक के छात्रों को शारीरिक और बौद्धिक रूप से भारतीय सेना की शिक्षा प्रदान कर देश के लिए तैयार किया जाएगा। यह विद्यालय एक पूर्व सैनिक द्वारा दान में दी गई 32 बीघा भूमि पर बन रहा है।
2020 में प्रवेश शुरू करने की योजना
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के चौथे सरसंघचालक राजेंद्र सिंह उर्फ रज्जू भैया के पैतृक गांव के पास बन रहे इस सैन्य स्कूल में सैन्य शिक्षा प्रदान की जाएगी। जानकारी के मुताबिक, रज्जू भैया सैनिक विद्या मंदिर लगभग 40 करोड़ रुपये की लागत से बन रहा है। जिसका निर्माण कार्य इसी साल पूरा कर 2020 के सत्र में प्रवेश शुरू करने की योजना है। ये स्कूल तो कक्षा 6 से 12 तक होगा, लेकिन पहले साल सिर्फ कक्षा 6 में ही प्रवेश होंगे। अभी तक स्कूल के 28 कमरे बनकर तैयार भी हो चुके हैं।
सैन्य स्कूल CBSE बोर्ड से होगा संबद्ध
बता दें कि ये स्कूल राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और विद्या भारती ट्रस्ट के द्वारा तैयार कराया जा रहा है, जिसमें सैन्य प्रशिक्षण भी स्टूडेंट्स को दिया जाएगा। 16 बीघा जमीन पर निर्माण कार्य युद्धस्तर पर इन दिनों चल रहा है। स्कूल के संस्थापक सदस्य प्रदीप कुमार सिंघल ने बताया, 'सैनिक स्कूल सीबीएसई बोर्ड से संबद्ध होगा। जहां सैनिकों की पौध को तैयार किया जाएगा। शुरुआत से ही बच्चों को शारीरिक प्रशिक्षण दिया जाएगा, ताकि वे सेना के लिए तैयार किए जा सकें।
संघ के चौथे सर संघचालक रज्जू भैया के नाम पर स्कूल
इस स्कूल का नाम राष्ट्रीय स्वयंसेवक के चौथे सर संघचालक रज्जू भैया के नाम पर है। बता दें कि रज्जू भैया बुलंदशहर जिले के पहासू क्षेत्र के बनैल गांव के मूल निवासी थे। इस स्कूल के निर्माण के लिए शिकारपुर तहसील के खंडवाया के रहने वाले चौधरी राजपाल सिंह ने 32 बीघा जमीन एक ट्रस्ट बनाकर दान स्वरूप दी है। जिस ट्रस्ट का नाम राजपाल जन कल्याण सेवा समिति है। राजपाल सिंह पूर्व में सेना में रहे हैं और वह नि: संतान हैं। राजपाल सिंह का कहना है कि उनके कोई संतान नहीं है और उन्हें हर वक्त ये लगता था कि जीते जी कुछ ऐसा हो जाए ताकि उनके दुनिया से जाने के बाद भी उन्हें ये दुनिया याद करे। इसके लिए राजपाल सिंह ने संघ के नेताओं से मुलाकात की और अपनी जमीन एक ट्रस्ट बनाकर संघ को दे दी। जिसके बाद अब संघ विद्या भारती ट्रस्ट की तरफ से ये स्कूल तैयार किया जा रहा है।
कैसा होगा संघ का सैनिक स्कूल
- सैनिक स्कूल परिसर 32 बीघा में फैला होगा
- तीन मंजिला स्कूल में क्लास रूम, मीटिंग हॉल, लाइब्रेरी, लैब आदि के साथ ही प्रशिक्षण के लिए मैदान भी होगा।
- स्कूल की जमीन भूमि खंडवाया गांव निवासी पूर्व सैनिक चौ. राजपाल सिंह ने संघ को दान में दी है।
- जहां 16 बीघा जमीन में भवन बनेगा, जबकि 16 बीघा में सैन्य प्रशिक्षण के लिए स्टेडियम का बनाया जाएगा।
- पिछले साल 24 अगस्त को संत अवधेशानंद गिरि व मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री सतपाल सिंह ने स्कूल का शिलान्यास किया था।
- स्कूल का निर्माण कार्य संघ के पूर्णकालिक महेंद्र प्रताप सिंह में किया जा रहा है।
सैनिक और वीरों की भूमि के नाम से जाने जाने वाले बुलंदशहर में इस स्कूल के खुलने के बाद इस क्षेत्र लोगों को उम्मीद है कि बुलंदशहर जिले और सैनिक तैयार हो सकेंगे और देश की सीमाओं की रक्षा में बुलंदशहर का नाम बुलंदियों पर होगा ।