Saint Paramhand Das Taken back his Decision: अयोध्या (Ayodhya) के तपस्वी छावनी के संत परमहंस (Saint Paramhans Das) द्वारा सरयू (Saryu) में जल समाधि (Jal Samadhi) की घोषणा के बाद शनिवार को लगभग 12 घंटे जबरदस्त सरगर्मी रही. यह सरगर्मी आखिरकार शाम छह बजे संत परमहंस की इस घोषणा के साथ समाप्त हुई कि, अब उन्होंने सरयू में जल समाधि का अपना निर्णय बदल दिया है. अब भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित करने का उनका अगला कार्यक्रम 7 नवंबर 2023 को आमरण अनशन के साथ शुरू होगा, लेकिन इस बार आमरण अनशन का यह कार्यक्रम अयोध्या में ना होकर दिल्ली के रामलीला मैदान में होगा. 


अपना फैसला बदला 


आपको बता दें कि, संत परमहंस इसके पहले भी हिंदू राष्ट्र को लेकर चिता में जल जाने के लिए तपस्वी छावनी में अपनी चिता सजाई थी, लेकिन चिता पूजन के बाद पुलिस प्रशासन की सक्रियता के चलते उन्होंने अपना निर्णय बदल दिया था. इसके बाद उन्होंने 2 अक्टूबर 2021 अगली तारीख घोषित की थी और कहा था कि उक्त तारीख तक अगर भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित न किया गया तो वह दोपहर 12 बजे सरयू में जल समाधि ले लेंगे, इसीलिए शनिवार को सुबह से पुलिस और प्रशासनिक अफसरों के साथ मीडिया का भी जमावड़ा लग गया. यह पूरी सरगर्मी शाम को 6 बजे रेजिडेंट मजिस्ट्रेट अयोध्या आयुष चौधरी के ज्ञापन लेने के साथ समाप्त हुई. ज्ञापन सौंपने के साथ ही संत परमहंस में अब भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित करने के लिए एक और तारीख दे दी है और यह तारीख है 7 नवंबर 2023 को संत परमहंस की माने तो इसी तारीख को दिल्ली के रामलीला मैदान में करोड़ों लोगों की मौजूदगी में वह हिंदू राष्ट्र के लिए आमरण अनशन शुरू करेंगे और 2024 में भारत हिंदू राष्ट्र घोषित हो जाएगा. 


परमहंस पर खड़े हुए सवाल 


साफ जाहिर है संत परमहंस द्वारा बार- बार तारीख और समय बदलने के चलते संत परमहंस के ऊपर सवाल भी खड़े हुए हैं और उनकी विश्वसनीयता को लेकर चर्चा भी हो रही है, लेकिन संत परमहंस हैं जो कहते हैं, लाखों भक्तों के अनुरोध पर उन्होंने अपना फैसला बदला है. 



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