हरिद्वार: हरिद्वार में एक अप्रैल से महाकुंभ की विधिवत शुरुआत हो जाएगी. सरकार द्वारा कुंभ का नोटिफिकेशन जारी होते ही हरिद्वार कुंभ क्षेत्र में सभी नियम लागू हो जाएंगे. खासकर कोरोना के लिए जारी की गई केंद्र और राज्य सरकार की एसओपी का पालन करना सभी को अनिवार्य होगा. इसके साथ ही हरिद्वार आने वाले हर श्रद्धालु और संतों को भी कोविड-19 की नेगेटिव रिपोर्ट लानी अनिवार्य होगी. हालांकि साधु संत इस बात से नाराज हैं, लेकिन शासन ने इसके लिए पूरी तैयारी कर ली है.


संतों को लानी होगी कोरोना निगेटिव रिपोर्ट


कोरोना के साये में हो रहे हरिद्वार में महाकुंभ की शुरुआत भले ही एक अप्रैल से हो, लेकिन अखाड़ों की पेशवाई के बाद संतों ने हरिद्वार में महाकुंभ का आगाज कर दिया है. सरकार के कुंभ नोटिफिकेशन के जारी होते ही हरिद्वार में कोरोना के नियम लागू हो जाएंगे. एक अप्रैल से हरिद्वार आने वाले हर एक श्रद्धालुओं को कोविड-19 नेगेटिव रिपोर्ट के साथ सरकारी पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराना होगा. यह पहली बार हो रहा है, जब संतो को कुंभ में आने के लिए तमाम बंदिशों से गुजरना होगा. इस बार हरिद्वार कुंभ में आने वाले साधु संतों को भी कोरोना की निगेटिव रिपोर्ट अनिवार्य रूप से दिखानी होगी. हालांकि संत इस बात को लेकर नाराज हैं कि सरकार ने साधु-संतों के लिए भी कई बंदिशें से लगा दी है. साधु संतों का साफ कहना है कि कुंभ से पहले सभी अखाड़े बैठकर इस पर राय मशविरा करेंगे और आखिरी निर्णय लेंगे. हालांकि संत यह बात भी कह रहे हैं कि कुंभ का नाम आते ही सरकार कई तरह की बंदिशें लगा रही है, जबकि देश के कई राज्यों में चुनाव पर कोरोना का साया नहीं है.


संत कर रहे हैं विरोध


केंद्र और राज्य सरकार द्वारा जारी की गई कोरोना एसओपी को लेकर संत शुरू से ही विरोध कर रहे हैं. ऐसे में कुंभ की शुरुआत होते ही यह सभी नियम लागू हो जाएंगे. वहीं, मेला पुलिस कुंभ में आने वाले हर श्रद्धालु से इन नियमों का पालन कराने की अपील कर रहा है, तो मेला प्रशासन ने इसके लिए सारी व्यवस्थाएं कर ली हैं. मेला प्रशासन ने संतों के लिए भी कोविड-19 वैक्सीन लगाने की भी पूरी तैयारी है. जिनके लिए दो लाख वैक्सीन की डिमांड की गई है.


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