अयोध्याः राम जन्मभूमि ट्रस्ट की मुश्किलें कम होती नहीं दिख रही हैं. राम जन्मभूमि विवाद मामले में हिंदू पक्षकार रहे धर्मदास और रघुवर संकल्प सेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष दिलीप दास, अयोध्या के संतो से मुलाकात कर रहे है. संतों का यह मानना है कि संपूर्ण मामले पर सनातन धर्म और अयोध्या दोनों की बदनामी हो रही है.
अब संत समाज इस संपूर्ण मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग कर रहा है. साथ ही संतो का एक समूह संतों से वार्ता कर इस पूरे मामले पर रूपरेखा तैयार करने का काम कर रहा है और सूत्रों की मानें तो जल्द ही एक अहम बैठक संत समाज की अयोध्या में हो सकती है. इतना ही नहीं, अगर आवश्यकता होगी तो सभी अखाड़ों की पूरे देश के संतो के साथ महापंचायत भी की जा सकती है लेकिन फिलहाल संत समाज के लोगों ने राम जन्मभूमि ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास के उत्तराधिकारी महंत कमल नयन दास से मुलाकात कर उनका पक्ष जानने का प्रयास किया है.
संतों को लगता है कि इस संपूर्ण मामले पर उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए. हालांकि राम जन्मभूमि क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास के उत्तराधिकारी महंत कमलनयन दास को इस संपूर्ण मामले में ट्रस्ट कि कहीं कोई गलती नजर नहीं आ रही है लेकिन लगातार विपक्ष श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र और उससे जुड़े हुए लोगों पर जमीन खरीद मामले पर हमलावर है और लगातार कई बार कई जमीनों की खरीद को लेकर के समय-समय पर ट्रस्ट और जमीन की खरीद में लगे हुए महापौर को घेरने का प्रयास कर रहा है.
जमीन की खरीद-फरोख्त को लेकर संतों ने की जांच की मांग
बता दें कि राम मंदिर निर्माण के लिए जमीन विस्तारीकरण के दरमियान कुछ मंदिर और आश्रम और ग्रंथों के घर आ रहे हैं, जिसको श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने लोगों से सहमति के आधार पर लिया है और उन मंदिरों को पुनः निर्धारित करने के लिए जमीन और मंदिर निर्माण के लिए उचित रुपये भी दिए गए हैं. जिससे की विराजमान मंदिरों में भगवानों के विग्रह को उनके नए भवन में स्थापित किया जाए और उसके बाद इन मंदिरों को हटाया जाएगा. जिसमें प्रमुख रूप से फकीरे राम मंदिर और कौशल्या भवन मंदिर पर सहमति के आधार पर ट्रस्ट ने जमीन दी है और वहां पर निर्माण कार्य चालू हुआ है, लगभग 10 महीने में विस्तारीकरण के जद में आ रहे मंदिरों का नए मंदिर के रूप निर्माण हो जाएगा. उसके बाद इन मंदिरों को राम जन्मभूमि की सीमा में लिया जाएगा.
अब ऐसे में जमीन की खरीद-फरोख्त को लेकर जब ट्रस्ट के ऊपर गंभीर आरोप लगे हैं तो संत समाज भी ट्रस्ट के विरोध में खड़ा होता नजर आ रहा है. संतों ने इस पूरे मामले पर जांच की मांग की है. रघुवर संकल्प सेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष दिलीप दास ने कहा, 'हम सभी संत जांच पर कायम है और जांच होनी चाहिए. संतो को कुछ भी करना पड़े तो करेंगे, अयोध्या से लेकर पूरे देश के संतो को इकट्ठा करना पड़े तो महापंचायत करेंगे.'
उनका कहना है, 'पहले अयोध्या के संतो के साथ पंचायत करेंगे. हम इस विषय को मानसून सत्र में लोकसभा या राज्यसभा में नहीं जाने देंगे. इससे पहले इसका निर्णय चाहेंगे.' संतों का मानना है कि अगर विपक्षी दल लोकसभा या राज्यसभा में इस मुद्दे को उठाएंगे तो अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हमारे अयोध्या और हमारे सनातन धर्म की बदनामी होगी.
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