अयोध्या: केंद्र सरकार की तरफ से राम मंदिर निर्माण के लिए गठित श्री राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय का बयान अब उनके गले की फांस बन गया है. अयोध्या में संतो ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. सोमवार को हनुमानगढ़ी के सामने संतो और महंतो ने चंपत राय के खिलाफ जमकर नारे लगाए. संतों ने चंपत राय के बयान को अयोध्या और श्रीराम का अपमान बताते हुए उन्हें ट्रस्ट से हटाने की मांग की है.


चंपत राय ने दिया आपत्तिजनक बयान
बता दें कि रविवार की शाम चंपत राय ने आपत्तिजनक बयान दिया था. उनके इसी बयान को अयोध्या के साधु-संत अयोध्या और भगवान श्रीराम का अपमान बता रहे हैं और चंपत राय को ट्रस्ट से हटाने की मांग कर रहे है. संतों के विरोध का ये सिलसिला लगातार जोर पकड़ रहा हैं.



अयोध्या के लोगों में गुस्सा
इस पूरे मामले को लेकर निर्वाणी अनी अखाड़ा के महंत धर्मदास ने कहा कि चंपत राय जिस प्रकार ने अमर्यादित भाषा का प्रयोग किया है. अयोध्या वासी और संत विरोध हैं कि इस प्रकार की भाषा बोलने वाले को राम जन्म भूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट का महासचिव बनया गया है. ऐसे शब्द बोलने वाले को अयोध्या वासी देखना तक पसंद नहीं करते है, जल्दी से जल्दी इनको यहां से हटाया जाना चाहिए.


भगवान राम को चुनौती देने का किया काम
हनुमान गढ़ी के मंहत राजू दास ने कहा हे कि महाराष्ट्र में संतों की हत्या हुई. यहां से आवाज उठी. सनातन धर्म विरोधी कार्यक्रमों को लेकर जब साधु-संतों ने आवाज उठाई तो लोगों ने कहा है ये राजनीतिक व्यक्ति हैं. अगर हम अपनी बात रखें तो खराब लग जाए. इन लोगों को लगातार अपनी दुकान चलानी है. चंपत राय ने बयान देकर भगवान राम को चुनौती देने का कार्य किया है, इसलिए हमारा विरोध है कि ऐसे लोगों को ट्रस्ट में रहने का कोई अधिकार नहीं है. अयोध्या से साधु-संत मांग कर रहे हैं ऐसे लोगों को ट्रस्ट से हटाया जाए.



आंदोलन के लिए विवश होंगे संत
खंडेश्वरी मंदिर के महंत दिलीप दास ने कहा कि चंपत राय के बयान को लेकर आक्रोश है. उन्होंने राम का, राम की जन्मभूमि का अपमान किया है. राम मंदिर का निर्माण हो रहा है. विश्व हिंदू परिषद और इनके संगठनों ने इसपर कब्जा कर लिया है. चंपत राय राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव बन चुके हैं, कुछ भी कर सकते हैं लेकिन उन्हें अयोध्या, राम और संतो की ताकत का आभास नहीं है. राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट भारत सरकार और तमाम समाजिक संगठनों से निवेदन है कि चंपत राय को हटाया जाए नहीं तो संत आंदोलन करने के लिए विवश होंगे.


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