गोरखपुर: वैश्विक महामारी कोरोना का खौफ लोगों के सिर चढ़कर बोल रहा है. यही वजह है कि कुत्‍तों को सर्दी, जुकाम और बुखार में लगने वाली वैक्‍सीन की बिक्री भी कोरोना काल में 15 गुना बढ़ गई है. लोग जहां पशु चिकित्‍सालय में वैक्‍सीन लगवाने के लिए आ रहे हैं. तो वहीं दुकानों पर भी इस वैक्‍सीन की बिक्री बढ़ गई है. लोगों को इस बात का डर सता रहा है कि कहीं उनके पालतू जानवरों (कुत्‍तों) से परिवार के सदस्‍यों को कोरोना होने का खतरा न पैदा हो जाए.


पशु चिकित्सालयों में भीड़


गोरखपुर के अलहलादपुर स्थित पशु चिकित्‍सालय पर कुत्‍तों को वैक्‍सीन लगवाने वालों की भीड़ जुट रही है. पहले की अपेक्षा अब कुत्‍तों को पालने वाले लोगों को इस बात‍ का खौफ सता रहा है कि कहीं उनके पालतू जानवरों से कोरोना का खतरा न पैदा हो जाए. कुत्‍तों को सर्दी, जुकाम और बुखार के लिए CANINE CORONA VIRUS VACCINE (MEGAVAC-CC) नाम से वैक्‍सीन आती है. इसके साथ ही पशु चिकित्‍सालयों पर अन्‍य वैक्‍सीन भी चिकित्‍सक लगा रहे हैं.


पशु चिकत्सालय पर रौक्‍सी नाम की एलशीशियन कुतिया को वैक्‍सीन लगवाने आए विजय बताते हैं कि पवन नंदानगर से यहां पर वैक्‍सीन लगवाने के लिए आए हैं. उन्‍होंने बताया कि कोरोना की डर की वजह से वे यहां पर आए हैं. घर में पालतू जानवरों से खतरा रहता है.


गोरखपुर के बिछिया के रहने वाले आशीष कुमार मौर्या ने तीन महीने का सिम्‍बा नाम का जर्मन शेफर्ड 10 हजार रुपए में खरीदे हैं. वे बताते हैं कि कोरोना के खौफ की वजह से उसे वैक्‍सीन लगवाने के लिए लाए हैं. वे बताते हैं कि वैक्‍सीन लग गई है. चिकित्‍सक जैसा बताएंगे, वे वैसा ही करेंगे.


बिक्री में हुआ 80 से 90 गुना इजाफा


पशुओं की दवाओं के विक्रेता दीपक सिंह बताते हैं कि कोरोना की वैक्‍सीन आती है. दूसरे या तीसरे महीने में कुत्‍तों को लगाया जाता है. वे बताते हैं कि सर्दी, जुकाम और बुखार के लिए कुत्‍तों को लगाने के लिए कोरोना की वैक्‍सीन 250 रुपए में आती है. ये वैक्‍सीन 8 से 10 साल से आ रही है. हर कुत्‍तों को ये वैक्‍सीन लगाई जाती है. कोरोना नाम दिया गया है. इस वैक्‍सीन से कोरोना का कोई लेना-देना नहीं है. वे बताते हैं कि इस वैक्‍सीन की बिक्री में 80 से 90 गुना का इजाफा हुआ है. पहले साल में 70 से 75 बिक्री होती थी. इस साल अब तक 400 बेच चुके हैं. उन्‍होंने बताया कि ये फ्लू की वैक्‍सीन है.


गोरखपुर पशु चिकित्‍सालय के सुप्रीटेंडेंट डा. राजेश त्रिपाठी बताते हैं कि कुत्‍तों को लगने वाली कोरोना वैक्‍सीन लगवाने वालों की संख्‍या बढ़ी है. कुत्‍तों से मनुष्‍यों में ये बीमारी नहीं फैलती है. वे बताते हैं कि कुत्‍तों में हल्‍के लक्षण होते हैं. हालांकि वैश्विक महामारी कोरोना में लोगों के अंदर एक डर बैठ गया है. पहले की संख्‍या में वैक्‍सीन लगवाने वाले लोगों की संख्‍या बढ़ी है. लोग जल्‍दी से जल्‍दी इस वैक्‍सीन को लगवा रहे है. स्‍वास्‍थ्‍य विभाग से जुड़े लोग कहकर ये वैक्‍सीन लगवा रहे हैं. वैक्‍सीनेशन के माध्‍यम से बीमारी को बढ़ने से रोकने का प्रयास होता है. साफ-सफाई के साथ बीमारियों को बढ़ने से रोका जा सकता है. ऐसे में लोग कोरोना काल में जागरूक भी हुए हैं.


कुत्‍तों को लगने वाली कोरोना वैक्‍सीन से इंसान को होने वाली कोरोना से कोई लेना-देना नहीं है. लेकिन, कोरोना के डर और दहशत के साथ लोगों के अंदर खुद की साफ-सफाई के साथ सुरक्षा की चिंता बढ़ी है. ऐसे में पालतू जानवर रखने के शौकीन भी जानवरों के साथ किसी तरह की कोताही नहीं बरतना चाहते हैं.


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