Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव को लेकर समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन हो गया है. सपा ने कांग्रेस को यूपी में 17 सीटें दी हैं. जबकि कांग्रेस 22 सीटों की मांग रही थी. सूत्रों के मुताबिक सपा के दबाव के आगे कांग्रेस को झुकना पड़ा, कांग्रेस के अपने बड़े नेताओं के लिए भी सीटें नहीं ले पाई. जिसके बाद अब कांग्रेस के अंदर खुलकर बगावत देखने को मिल रही है. पूर्व केंद्रीय मंत्री ने इस गठबंधन के खिलाफ आवाज उठाई हैं. 


सपा-कांग्रेस के बीच हुई सीट शेयरिंग को लेकर पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद ने अब बग़ावती तेवर दिखाए हैं. दरअसल, वो यूपी की फर्रुखाबाद सीट से चुनाव लड़ना चाहते थे लेकिन ये सीट सपा के खाते में चली गई है. जिसके बाद उन्होंने अपनी नाराज़गी खुलकर जारी की और एक्स पर लिखा, 'फ़र्रुख़ाबाद से मेरे रिश्तों के कितने इम्तहान का सामना करना पड़ेगा? सवाल मेरा नहीं पर हमारे सब के मुस्तक़ाबिल का है, आने वाली नस्लों का है. क़िस्मत के फ़ैसलों के सामने कभी झुका नहीं.. टूट सकता हूँ, झुकूँ गा नहीं. तुम साथ देनेका वादा करो, मैं नघमे सुनाता रहूँ'



पूर्व केंद्रीय मंत्री ने दिखाए बग़ावती तेवर
सलमान ख़ुर्शीद अब तक इस सीट से दो बार सांसद रहे हैं. उन्होंने साल 1991 में पहली बार चुनाव जीता था और फिर आख़िरी बार 2009 में इस सीट पर क़ब्ज़ा किया था. हालांकि पिछले दो आम चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा. दोनों बार यहाँ से बीजेपी के मुकेश राजपूत की जीत हुई. साल 2014 में सलमान ख़ुर्शीद चौथे नंबर पर रहे. उन्हें सिर्फ़ 95,543 वोट मिलें और वो चौथे नंबर पर रहे. दूसरे और तीसरे नंबर पर सपा और बसपा रहे. 


इसी तरह साल 2019 में सलमान ख़ुर्शीद तीसरे नंबर पर रहे हैं, लेकिन ये चुनाव सपा-बसपा ने मिलकर लड़ा था. ऐसे में बसपा का कैंडिडेट दूसरे नंबर पर रहा और सलमान ख़ुर्शीद को सिर्फ़ 55,258 वोट मिले और वोट प्रतिशत 5.51 रहा. 


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कांग्रेस के कई नेता नाराज़
यूपी में सपा और कांग्रेस का गठबंधन तो हो गया लेकिन चुनौतियां अभी ख़त्म नहीं हुई हैं. दोनों दलों के बीच सीट शेयरिंग को लेकर कई कांग्रेस के नेता उतने खुश नहीं है. सूत्रों के मुताबिक़ कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय खुद बलिया या घोसी सीट से चुनाव लड़ना चाहते थे. इसी तरह रामपुर सीट से पूर्व सांसद बेगम नूर बानो, लखनऊ ईस्ट से राज बब्बर और भदोही सीट से कांग्रेस नेता राजेश मिश्रा चुनाव लड़ना चाहते थे. लेकिन ये सीटें कांग्रेस को नहीं मिल पाई.


कांग्रेस को जो 17 सीटें मिली हैं. उनमें कांग्रेस अमेठी, रायबरेली, कानपुर नगर, सीतापुर, फतेहपुर सीकरी, बांसगांव, प्रयागराज, महराजगंज, वाराणसी, बाराबंकी, देवरिया, अमरोहा, झांसी, बुलंदशहर, सहारनपुर, मथुरा और गाजियाबाद सीट शामिल है.