Azam Khan News: उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के नेता और रामपुर विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक आजम खान को बड़ी राहत मिली है. चुनाव के वक्त में आदर्श आचार संहिता के एक मामले में विधायकों और सांसदों के मामले सुनने वाली कोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया है.


हालांकि MP-MLA Court से बरी किए जाने के बाद भी आजम खान जेल से बाहर नहीं आ पाएंगे. उन पर और मामले भी चल रहे हैं. आजम खान पर आरोप था कि वह आचार संहिता का उल्लंघन करते हुए अपने वाहन से मतदान केंद्र पहुंचे थे,जो कि 200 मीटर दायरे के अंदर आता था. नियम है कि 200 मीटर की दूरी तक कोई भी वाहन नहीं आ सकता.


साल 2019 में आजम खान के खिलाफ दर्ज हुआ था मुदमा


साल 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान तात्कालिक एसडीएम सदर और रिटर्निंग ऑफिसर ने आजम खान के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 171F और 133 लोकप्रतिनिधि अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कराया था.


इससे पहले 31 जुलाई को एमपी-एमएलए कोर्ट ने आजम खान को डूंगरपुर प्रकरण में अदालत ने आजम खान और अन्य को बरी कर दिया था. डूंगरपुर प्रकरण वर्ष 2016 का था, जब प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार थी और आजम खान कैबिनेट मंत्री थे. 


क्या बोले आजम खान के वकील मोहम्मद मुरसलीन?


सपा नेता आजम खान के वकील मोहम्मद मुरसलीन ने बताया कि साल 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान रामपुर के तत्कालीन एसडीएम पी.पी तिवारी की तरफ से आजम खान के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराई गई थी. आजम खान वोटिंग कैंपस के भीतर गाड़ी से जाकर वोट डालने आए थे. चार्जशीट होने के बाद कोर्ट में ट्रायल चला. इस दौरान पांच गवाह पेश हुए और प्रॉसीक्यूशन आरोप को साबित नहीं कर पाया. ऐसे में कोर्ट ने उनको बरी कर दिया.


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