UP Lok Sabha Election Results 2024: लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे आ चुके हैं. मुरादबाद लोकसभा सीट से समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी रुचि वीरा जीत गई हैं. बीजेपी प्रत्याशी कुंवर सर्वेश कुमार चुनाव हार गए हैं. रुचि वीरा ने 105762 वोटों से जीत दर्ज की है. चुनाव में सपा प्रत्याशी रुचि वीरा को 637363, मिले तो वहीं बीजेपी प्रत्याशी सर्वेश कुमार को 531601 और बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी मोहम्मद इरफान को 92313 वोट मिले हैं. आइए जानते हैं सपा प्रत्याशी रुति वीरा के परिवार और उनके बारे में. 


उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद की नव निर्वाचित सपा सांसद रुचि वीरा देश के हाई प्रोफाइल परिवार की बहू हैं. दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल और दिल्ली पब्लिक स्कूल सोसाइटी के संस्थापक उनके ससुर थे. उनका परिवार कई बड़े कॉलेज और अस्पतालों का संचालन करता है. रियाल स्टेट का उनका बड़ा कारोबार है और परिवार में कई बड़े आईएएस अधिकारी भी हैं.


रुचि वीरा ने सपा नेता आजम खान को अपना राजनीतिक गुरु बताते हुए कहा कि उन्होंने राजनीति के गुण आजम खान से सीखे हैं. हालांकि उनके परिवार में उनके ससुर कई बार विधायक और मंत्री रहे और उनके ताऊ कई राज्यों के राज्यपाल रहे और भारत सरकार में राजनयिक भी रहे हैं.


हाई प्रोफाइल परिवार की बहू हैं रुचि वीरा 


उनके एक जेठ भारतीय रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर रहे हैं. उनके ताऊ ससुर ने दिल्ली पब्लिक स्कूल सोसाइटी (DPS) और सर गंगा राम अस्पताल की दिल्ली में स्थापना की थी. उनकी ससुराल में कई IAS अधिकारी और बड़े बड़े अफसर हैं. इतना ही नहीं सपा सांसद ने अपने जीवन के बारे में बताते हुए कहा कि उनकी शुरुआती पढ़ाई हसनपुर में हुई और एम ए उन्होंने मुरादाबाद से किया.  जब वह बहुत छोटी थीं तभी उनके पिता का देहांत हो गया था. उनके तीन बड़े भाई हैं, जिन्होंने उन्हें कभी इस बात का एहसास नहीं होने दिया, लेकिन फिर भी एक पिता की कमी तो महसूस होती ही थी इसलिए बचपन से ही जिम्मेदारियों का एहसास था.


स्कूल के समय उनकी कई सहेलियां थीं, जिनके साथ पढ़ाई के साथ खेल खेलती थीं और स्कूल में अध्यापकों का स्नेह उन्हें मिला. पढ़ाई के बाद उनकी शादी बिजनौर में हुई. उनकी शादी अरेंज मैरिज थी. उनके पति बड़े राजनीतिक और कारोबारी घराने से हैं. उनकी एक ही बेटी है स्वाति वीरा और एक नवासी है. रुचि वीरा की बेटी उनके राजनीतिक सफर में हमेशा साथ रहती हैं. रुचि वीरा ने बताया कि वह एक संपूर्ण भारतीय गृहणी है. घर मे जितना समय रहती हैं घर के सारे काम खुद करती हैं. रुचि वीरा को हर तरह के खाने बनाने का शौक है. वह मुगलई, चाइनीज, इटेलियन हर तरह का खाना बनाना जानती हैं और उनके हाथ का खाना बहुत स्वादिष्ट होता है.


2012 में बनी थीं विधायक 


रुचि वीरा खुद नॉनवेज नहीं खाती हैं, लेकिन नॉनवेज वह बहुत बढ़िया बनाती हैं. परिवार में सब लोग नॉनवेज भी खाते हैं. रुचि वीरा ने कहा कि मेरा मायका मुरादाबाद का है और मेरी ससुराल बिजनौर की है. बिजनौर में हर व्यक्ति चाहे हिंदू हो या मुसलमान उन्हें बहुत चाहता है, लेकिन वहां के राजनीतिक समीकरण इस तरह के हैं कि वह वहां पर सिर्फ एक बार 2012 में उपचुनाव जीतकर विधायक बनी थी. हालांकि उन्होंने कई चुनाव लड़े लेकिन उन्हें हार मिली.


सपा सांसद रुचि वीरा ने क्या कहा?


मुरादाबाद की जनता का शुक्रिया अदा करते हुए रुचि वीरा ने कहा कि मुरादाबाद की जनता ने उन्हें बड़ी जिम्मेदारी दी है और वह अगले 5 साल मुरादाबाद में ही रहकर मुरादाबाद के विकास के लिए काम करेंगे. सपा सांसद ने कहा कि हमारा परिवार सेक्युलर परिवार है और हमेशा हमने जनता की भलाई के काम किए हैं. ससुराल में क्योंकि राजनीतिक माहौल पहले से था और जनता के लिए सब लोग काम करते थे तो ससुर के बाद उन्हें राजनीतिक विरासत संभालना जरूरत था. क्योंकि इलाके के लोगों के काम कराने के लिए किसी न किसी तो आगे बढ़ना ही था, इसलिए वह राजनीति में आईं और 2012 में देश के बड़े नेता आजम खान से मुलाकात हुई और उसके बाद से चाहे आजम खान के अच्छे दिन रहे हों या अब बुरे दिन चल रहे हों मैं हमेशा आजम खान के साथ रही हूं और उन्होंने ही मेरा टिकिट कराया है. वह मेरे राजनीतिक गुरु हैं और एक अच्छे इंसान हैं.


सपा सांसद को त्योहार पर मिठाई बनाना पसंद है 


रुचि वीरा ने कहा कि आजम खान को झूठे मुकदमो में फंसाया गया है. रुचि वीरा ने बताया कि उन्होंने पहले जमाने में जिस तरह से लड़कियों को कढ़ाई बुनाई और सिलाई सिखवाई जाती थी उसी तरह से सब काम सीखे हैं और वह मूल रूप से एक घरेलू महिला हैं. उन्होंने बताया कि मेरा वास्तविक चरित्र इस तरह का है जिस तरह से घर में महिलाएं होती हैं और हर तीज त्योहार पर मिठाई और खाने और पकवान बनाती है. मैं भी उसी तरह बनाती हूं.


बिजनौर और मुरादाबाद के लोग करते हैं प्यार 


रुचि वीरा ने बताया कि पहले नेताओं का अपना एक राजनीतिक कद वाला व्यक्तित्व होता था और जनता में उनकी बहुत लोकप्रियता होती थी. अभी भी कुछ है लेकिन यह बहुत कम हो गया है. अब पार्टियों का ज्यादा वर्चस्व रहने लगा है और धार्मिक ध्रुवीकरण एक बड़ा मुद्दा बन गया है. रुचि वीरा का कहना है कि वह बहुत भावुकता के साथ राजनीति करती हैं. वह लोगों से अपनेपन का रिश्ता बनाती हैं और महिला होने के बाद भी बहुत अधिक मेहनत करती हैं. यही वजह है कि चाहे बिजनौर के लोग हो या मुरादाबाद के लोग हों वह मुझे अपना समझते हैं और उन्होंने अपनेपन का सबूत भी दिया है.


जनता के बीच रहने का किया वादा 


रुचि वीरा ने कहा कि मैं हर किसी के सुख दुःख में हमेशा साथ खड़ी रहती हूं और लोगो को मुझ से यह शिकायत नहीं मिलेगी की सांसद बनने के बाद मिलती नहीं हैं. मैं हमेशा जनता के बीच रहकर जनता के लिए काम करूंगी.


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