UP Teachers Online Attendance Facility: यूपी सरकार की तरफ से सरकारी स्कूल के सभी सरकारी शिक्षकों और कर्मचारियों की उपस्थिति के संबंध में नया आदेश जारी किया गया है. आदेश में कहा गया है कि अब शिक्षकों और ऑनलाइन हाजिरी लगानी होगी, यानी स्कूल की डिजिटल पंजिका में अपनी उपस्थिति दर्ज करानी होगी, जिसको लेकर अब शिक्षकों ने विरोध करना शुरू कर दिया है. कई शिक्षक और प्रोफेसर इसका खुलकर विरोध कर रहे हैं. इसी क्रम में आज सपा नेता प्रोफेसर राम गोपाल यादव ने योगी सरकार पर हमला बोला है.
प्रोफेसर राम गोपाल यादव ने एक्स पर लिखा, ''उत्तर प्रदेश सरकार अध्यापकों की उपस्थिति ऑनलाइन दर्ज कराने को आमादा है, जबकि सरकार अध्यापकों की वर्ष में 30 EL and half CL देने की माँग मान नहीं रही है।अध्यापकों की स्थिति इतनी दयनीय है कि अपनी शादी के लिए भी टीचर को मेडिकल लीव लेनी पड़ती है।अध्यापकों की कमी के कारण किसी किसी विद्यालय में एक ही टीचर को दर्जा एक से लेकर पाँचवीं तक सारे दिन पढ़ाना पड़ता है। मुख्यमंत्री जी से अनुरोध है कि ऑनलाइन अटेंडेंस के आदेश को वापस लेकर पहले टीचर्स की समस्याओं का निराकरण करने का कष्ट करें.''
ऑनलाइन हाजिरी पर सपा नेता ने साधा निशाना
उत्तर प्रदेश के सभी सरकारी स्कूलों में कल से ही यानी 8 जुलाई से ही ऑनलाइन हाजिरी लगाने का नियम लागू किया गया है. ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज किए जाने के विरोध में सपा नेता प्रोफेसर राम गोपाल यादव यूपी सरकार को घेरा है. उन्होंने योगी सरकार पर निशाना लगाते हुए कहा कि यूपी सरकार ऑनलाइन हाजिरी दर्ज कराने के लिए आमादा है. उन्होंने कहा कि यूपी सरकार के टीचरों की स्थिति इतनी खराब है कि उनको अपनी शादी के लिए भी मेडिकल लीव लेनी पड़ती है.
शिक्षकों ने किया जमकर विरोध
यूपी में ऑनलाइन हाजिरी सिस्टम को लेकर शिक्षक काफी विरोध कर रहे हैं. कल यानी सोमवार को भी शिक्षकों ने राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के बैनर तले कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन झांसी के जिलाधिकारी को सौंपा था. इस दौरान शिक्षकों का कहना था कि ऑनलाइन हाजिरी दर्ज किए जाने का आदेश को खत्म किया जाए. शिक्षकों ने काली पट्टी बांधकर विरोध किया और अध्यापन किया.
8 जुलाई से हुए ऑनलाइन हाजिरी सिस्टम लागू
यूपी में बेसिक शिक्षक विभाग ने 8 जुलाई को शिक्षकों को प्रेरणा पोर्टल पर ऑनलाइन हाजिरी दर्ज करने का आदेश जारी किया था, आदेश के बाद से ही शिक्षकों ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया. बता दें कि इस सिस्टम के खिलाफ शिक्षकों की तरफ से शुरू से ही विरोध किया जा रहा है. कल राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के कहने पर शिक्षक एक जगह जमा हुए और प्रदर्शन किया. शिक्षकों ने विभाग के फैसले को अव्यवहारिक बताते हुए इसे वापस लेने की मांग की.
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