UP Election 2022: बसपा प्रमुख मायावती (Mayawati) के मुख़्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) को बाहर का रास्ता दिखाने और एआईएमआईएम (AIMIM) के मुख्तार अंसारी के लिए दरवाजे खोल देने पर मुरादाबाद से समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के सांसद डॉ एस टी हसन ने कहा कि, बसपा और एआईएमआईएम (AIMIM) दोनों में से कोई भी पार्टी उसूलों की राजनीति नहीं कर रही है. उसूल तो यही होता है कि, कोई भी पार्टी अपराधियों से दूर ही रहे. मैं ये नहीं कह रहा कि, ये लोग सर्टिफाईड क्रिमिनल हैं, लेकिन इन लोगों पर मुक़दमे तो चल रहे हैं, ये लोग विचारधीन हैं क्या मालूम, अदालत इन्हें भी बाइज्ज़त बरी कर दे. लेकिन ये दोनों पार्टियां अपने एजेंडों पर काम कर रही हैं. 


ओवैसी और बीजेपी पर निशाना 


उन्होंने कहा कि, मुझे नहीं लगता की ओवैसी बाहुबलियों के बल पर सीटे जीत सकते हैं. अब वो ज़माना नहीं रहा कि, लोग बहुबालियों के बल पर सीट जीत लें. जनता फेयर इलेक्शन चाहती है, अगर भाजपा ने फेयर इलेक्शन करा दिया, जिसकी बहुत कम संभावना है, तो फिर बाहुबलियों का कोई असर किसी इलेक्शन पर नहीं पड़ेगा. 


वोट काटने आ रहे हैं ओवैसी 


ओवैसी के यूपी में मुस्लिमों के 19- 20 प्रतिशत होने और यादवों के 9-10 प्रतिशत होने के बावजूद कब तक मुसलमान यादवों की गुलामी करेंगे के, सवाल पर सपा सांसद डॉ एस टी हसन ने कहा कि, मुस्लमान अपना अच्छा बुरा ख़ुद जानता है. यूपी में मुसलमानों को बड़े बड़े अनुभव हुए हैं. साम्प्रदायिक बातों से वोटों का सिर्फ धुर्विकरण होता है. ओवैसी से पहले मुस्लिम लीग चुनाव में आती थी, बड़ा चुनाव होता था. लेकिन आज यूपी में मुस्लिम लीग नहीं है, सिर्फ केरल में है. ओवैसी भी यूपी में कोई सीट नहीं जीता पाएंगे. मुसलमान जानता है कि, उनकी नियत क्या है, ओवैसी जीतने के लिए आ रहे हैं या वोट काटने के लिए आ रहे हैं . उन्होंने कहा कि, अगर ओवैसी की नियत साफ़ है तो वह साम्प्रदायिक ताकतों को हराने वाले प्रत्याशी का समर्थन कर दें और कह दें की मुसलमानों साम्प्रदायिक ताकतों को हराने वाले प्रत्याशी को जीता दो.


सपा ने मुसलमानों के लिए काफी काम किया 


ओवैसी सिर्फ मुसलमानों को गुमराह करने और वोट कटवाने के लिए यूपी आये हैं. ओवैसी वोट बांटने के लिए अपने प्रत्याशी वहां लड़ायेंगे जहां मुस्लिम मतदाता अधिक हैं. सपा सांसद ने कहा कि, यूपी में मुस्लिमो को जो कुछ भी मिला वह समाजवादी पार्टी ने दिया. वरना मुलायम सिंह यादव से पहले मुस्लमानों की इतनी हिम्मत नहीं थी की वह थानों की सीढ़ी चढ़ सके. जब मुलायम सिंह यादव ने पीएसी और फ़ोर्स में मुसलमानों की 10 प्रतिशत भर्ती कर दी तो मुसलमानों की हिम्मत हुई और वह अपने हक की बात करने के लिए थानों पर जाने लगे.


मुसलमानों का मोरल किसने बूस्ट किया. सपा सांसद ने आरोप लगाया कि, बहुत सी जगह ओवैसी ने मुस्लिमों को बांट कर साम्प्रदायिक ताकतों की सरकारें बनवा दी, फिर कैसे मैं मान लूं कि, वह मुसलमानों के सच्चे हितैषी हैं. सपा सांसद ने माना कि, ओवैसी के यूपी में आने से थोड़ा बहुत मुस्लिम वोट तो बंटेगा ही थोड़ा नुकसान तो होगा, लेकिन बहुत बड़ा नुकसान नहीं होगा.



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