UP Politics: उत्तर प्रदेश में 29 जुलाई से विधानसभा के मानसून सत्र की शुरुआत हो रही है. इससे पहले इस बात को लेकर चर्चाएं तेज हैं कि अखिलेश यादव के इस्तीफा देने के बाद नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी पर कौन बैठने जा रहा है. खबरों की माने तो इस बार सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव किसी दलित या पिछले समाज से नेता प्रतिपक्ष बना सकते हैं. इस लिस्ट में सबसे आगे सपा विधायक इंद्रजीत सरोज का नाम चल रहा है. 


सूत्रों के मुताबिक अखिलेश यादव इंद्रजीत सरोज को नेता प्रतिपक्ष बना सकते हैं. वो दलित समुदाय से आते हैं उनके आने से सपा अध्यक्ष का पीडीए का नारा और मजबूत होगा. हालांकि इस रेस में चाचा शिवपाल यादव भी बने हुए हैं. अगर सपा दलित चेहरे की बजाय किसी ओबीसी चेहरे पर दांव लगाने की कोशिश करती है तो उनके नाम पर मुहर लग सकती है या फिर राम अचल राजभर को भी आगे किया जा सकता है. वो भी पिछड़े समाज से आते हैं. 


अब तक ये रहे गैर यादव नेता प्रतिपक्ष
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव अगर किसी गैर यादव को नेता प्रतिपक्ष बनाते हैं तो सपा के इतिहास में ये चौथी बार होगा जब कोई गैर यादव को समाजवादी पार्टी का नेता प्रतिपक्ष बनाया जाएगा. यूपी विधानसभा में अब तक सात बार सपा से नेता प्रतिपक्ष रहे हैं. इनमें से दो बार मुलायम सिंह यादव, एक बार शिवपाल यादव और एक बार अखिलेश यादव नेता प्रतिपक्ष बन चुके हैं. 


इनके अलावा गैर यादव नेताओं की बात करें तो साल 1997 में सबसे पहले बिधूना से विधायक धनीराम वर्मा गैर यादव नेता प्रतिपक्ष बनाए गए थे. उनके बाद साल 2002 में आजम खान एक साल नेता प्रतिपक्ष बनाए गए. उनके बाद साल 2017 में सपा राम गोविंद चौधरी को विधानसभा में लीडर ऑफ अपोजिशन बनाया गया. 


यूपी विधानसभा सत्र सोमवार से शुरू हो रहा है, ऐसे में सपा जल्द ही अपना आख़िरी फैसला ले सकती है. सपा ने सभी विधायकों की बैठक बुलाई है. इस बैठक में विधायकों से बातचीत के बाद आखिरी फैसला लिया जाएगा. 


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