Asad Ahmed Encounter: माफिया अतीक अहमद (Atiq Ahmed) के बेटे असद (Asad Ahmed) की मुठभेड़ में मौत के संबंध में समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के अध्यक्ष अखिलेश यादव (Yadav) ने प्रतिक्रिया दी है. सपा प्रमुख ने इस एनकाउंटर को चुनाव से जोड़ते हुए कई सवाल खड़े सवाल खड़े किए हैं. अखिलेश यादव ने कहा है कि पहले दिन से बीजेपी (BJP) चुनाव को देखते हुए एनकाउंटर कर रही है, ये एक उदाहरण नहीं है.


सपा प्रमुख ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा, "मैं BJP से पूछना चाहता हूं कि जिन अधिकारियों ने एक ब्राह्मण मां-बेटी पर बुलडोज़र चलाया उन्हें क्यों नहीं मिट्टी में मिलाया? क्या आज का भारत यह है कि कमज़ोर की जान ले लें? क्या संविधान में जो अधिकार है वो नहीं मिलेंगे? उनको क्यों नहीं मिट्टी में मिला दिया. 


उन्होंने कहा, "बलिया में एक छात्र नेता जो चुनाव लड़ना चाहता था, उसकी मुख्यमंत्री स्वजातीय लोगों नेमार मार कर के जान ले ली. क्या आज का भारत यह कि कमजोर की जान ले लेंगे. क्या आज का भारत यह है जो हमें संविधान में अधिकार मिले हैं वो नहीं मिलेंगे?"



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मुठभेड़ पर फिर उठाए सवाल
जबकि इस एनकाउंटर के बाद गुरुवार को अखिलेश यादव ने कहा, "उत्तर प्रदेश में ‘‘फर्जी’’ मुठभेड़ों पर सवाल उठे हैं और बीजेपी शासित राज्य को इस तरह की कार्रवाइयों पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के कई नोटिस मिले हैं." उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की विधानसभा में की गई उनकी टिप्पणी ‘माफिया को धूल में मिला देंगे’ को लेकर भी कटाक्ष किया था. उन्होंने कहा कि इस तरह के ‘फिल्मी संवाद’ बोलने वालों का संविधान में कोई विश्वास नहीं है.


सपा प्रमुख ने कहा, ‘‘हाल में कानपुर में जब एक मां-बेटी की झोपड़ी पर बुलडोजर चलाकर आग लगा दी गई, तो दोनों की जान चली गई. इसी तरह, एक फर्जी मुठभेड़ (2019 में) में पुष्पेंद्र यादव मारा गया था. कानपुर में पुलिस हिरासत में एक शख्स की मौत हो गई.’’ यादव ने आरोप लगाया, ‘‘बलिया में भाजपा कार्यकर्ताओं ने एक होनहार छात्र नेता की हत्या कर दी. बलिया में ही ब्याज खोरों ने एक व्यापारी पर इस कदर दबाव डाला कि उसकी जान चली गई.’’