UP Politics: अखिलेश यादव और मायावती एक-दूसरे को बना रहे सहारा, क्या बीजेपी के लिए आसान कर रहे रास्ता?
Lok Sabha Elections: समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) और बीएसपी (BSP) अब एक-दूसरे को टारगेट बनाते नजर आ रही हैं. इसकी झलक रविवार को मायावती (Mayawati) के बयान में फिर एकबार दिखी.
UP News: समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) और बीएसपी (BSP) बीते कुछ दिनों से एक दूसरे को सहारा बनाकर बीजेपी (BJP) पर निशाना साध रहे हैं. लखनऊ (Lucknow) में रविवार को बैठक के बाद बीएसपी प्रमुख मायावती (Mayawati) ने सीधे तौर पर सपा को टारगेट किया और बीजेपी के साथ मिली भगत का आरोप लगाया. बीएसपी चीफ का ये बयान काफी सुर्खियों में रहा.
दरअसल, अखिलेश यादव सोमवार को रायबरेली में कांशी राम की मूर्ति का अनावरण करने जा रहे हैं. इसपर प्रतिक्रिया देते हुए मायावती ने इसे नाटकबाजी और समाजवादी पार्टी की पैंतरेबाजी करार दिया. उन्होंने यह भी कहा है कि समाजवादी पार्टी हमेशा से ही डॉक्टर भीमराव अंबेडकर और बसपा संस्थापक कांशीराम के प्रति विद्वेष पूर्ण भावना रखती थी. मायावती ने आज एक बार फिर 1995 में हुए गेस्ट हाउस कांड को याद करते हुए समाजवादी पार्टी पर निशाना साधा है.
अखिलेश यादव के आरोपों पर जवाब
बीएसपी चीफ ने आगे कहा, "अनुसूचित जाति समाज मजबूत चट्टान की तरह बीएसपी पार्टी व मूवमेंट के साथ हमेशा खड़ा रहा है, जबकि सपा जैसी पार्टियों के वोट बैंक खिसकते रहे हैं. जिससे ही बीजेपी यूपी में भी मजबूत हुई है. इसलिए बीएसपी विरोधी दुष्प्रचार और हथकंडों से बचता है." जबकि सपा प्रमुख अखिलेश यादव कई मौकों पर बीएसपी को बीजेपी की बी टीम बताते रहे हैं. तब अखिलेश यादव का जवाब देते हुए बीएसपी ने कहा था कि सपा प्रमुख खुद बीजेपी की 'बी टीम' हैं.
सपा और बीएसपी के बयानों से बीजेपी को फायदा होता नजर आ रहा है. बीजेपी पर निशाना साधने के लिए अगर सपा और बसपा एक-दूसरे को ऐसे ही सहारा बनाते रहे तो बीजेपी के लिए रास्ता आसाना होगा. हालांकि पहले भी बीजेपी के खिलाफ विपक्ष एकजुट नजर नहीं आ रहा था. लेकिन ज्यादातर दोनों पार्टियों का निशाना बीजेपी पर रहता था. लेकिन बीते कुछ दिनों में दोनों ही पार्टियां एक-दूसरे पर आरोप लगाते नजर आ रही हैं.