Hathras Stampede: हाथरस के सिकंदराराऊ में सत्संग में मची भगदड़ मामले में पुलिस ने 3200 पेज की चार्जशीट दाखिल की है. पुलिस की चार्जशीट में बाबा नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा उर्फ सूरजपाल का नाम नहीं हैं. इसमें सत्संग आयोजन करने वाले समिति के पदाधिकारी व अन्य को आरोपी बनाया गया है. 121 लोगों की मौत मामले में पुलिस ने 91 दिन की विवेचना के बाद 11 लोगों को आरोपी बनाया है.


वहीं पुलिस की चार्जशीट को लेकर विपक्षी दल समाजवादी पार्टी, कांग्रेस और बसपा सवाल उठा रही हैं. सपा प्रवक्ता सुमैया राणा ने कहा कि सरकार मुख्य आरोपी को बचाने का काम कर रही है. केवल गलत लोगों को फंसाया जा रहा है. इसके साथ ही कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र राजपूत ने कहा छोटे-छोटे छर्रे को फंसाया जाता है, बड़े लोगों को छोड़ा जाता है, हर मामले में बस यही सरकार का काम है. 


मायावती ने यूपी सरकार पर उठाए सवाल


बसपा सुप्रीमो मायावती ने एक्स पर पोस्ट कर लिखा- "यूपी के हाथरस में 2 जुलाई को हुए सत्संग भगदड़ काण्ड में 121 लोगों जिनमें अधिकतर महिलाओं व बच्चों की मृत्यु के सम्बंध दाखिल चार्जशीट में सूरजपाल सिंह उर्फ भोले बाबा का नाम नहीं होना जनविरोधी राजनीति, जिससे साबित है कि ऐसे लोगों को राज्य सरकार का संरक्षण है, जो अनुचित है. मीडिया के अनुसार सिकन्दराराऊ की इस दर्दनाक घटना को लेकर चार्जशीट में 11 सेवादारों को आरोपी बनाया गया है, किन्तु बाबा सूरजपाल के बारे में सरकार द्वारा पहले की तरह चुप्पी क्या उचित? ऐसे सरकारी रवैये से ऐसी घटनाओं को क्या आगे रोक पाना संभव? आमजन चिन्तित." 






पुलिस की चार्जशीट में ये लोग बनाए गए आरोपी


वहीं इस मामले पर बीजेपी बोल नहीं रही है और अभी तक कोई भी बयान पार्टी की तरफ से सामने नहीं आया है. बता दें कि पुलिस की चार्जशीट में आरोपी बनाए गए देव प्रकाश मधुकर,मेघ सिंह,मुकेश कुमार,मंजू देवी,मंजू यादव,राम लड़ैते,उपेंद्र सिंह,संजू कुमार,राम प्रकाश शाक्य,दुर्वेश कुमार और दलवीर सिंह को आरोपी बनाया गया है.


FIR में नहीं था भोले बाबा का नाम


महिला मंजू देवी और मंजू यादव को हाई कोर्ट से जमानत मिल चुकी है, कागजी कार्रवाई के बाद रिहाई होना बाकी है. इस हादसे में दर्ज FIR में नारायण साकार हरि भोले बाबा उर्फ सूरजपाल का नाम नहीं था. साकार हरि को छोड़ गिरफ्तार आरोपियों के खिलाफ ही चार्जशीट दी गई. दाखिल चार्जशीट पर 4 अक्टूबर को कोर्ट सुनवाई करेगी. मुख्य सेवादार देव प्रकाश मधुकर सहित अन्य के खिलाफ गैरइरादतन हत्या, प्राण घातक हमला, गंभीर चोट पहुंचाने, बंधक बनाने निषेधाज्ञा उल्लंघन और साक्ष्य छिपाने का केस दर्ज हुआ था.


2 जुलाई को सत्संग में हुई भगदड़ में हुआ था हादसा


बता दें कि सिकंदराराऊ क्षेत्र के मुगलढ़ी फुलरई में 2 जुलाई को साकार हरि उर्फ भोले बाबा उर्फ सूरजपाल के सत्संग में भगदड़ हुई थी. इस दौरान 80 हजार लोगों की भीड़ का उल्लंघन कर ढाई लाख लोगों की भीड़ जुटाई थी. इस हादसे में 121 लोगों की मौत हुई थी, जिसमें सबसे अधिक महिलाएं थीं.


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