Pilibhit News: पीलीभीत बहेड़ी लोकसभा सीट से समाजवादी पार्टी ने भगवत सरन गंगवार को अपना प्रत्याशी बनाया है. भगवत सरन गंगवार 1991 व 1993 में भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर बरेली की नबाबगंज विधानसभा से विधानसभा का चुनाव भी लड़कर दोनों बार जीत हासिल की है. उसके बाद भगवत सरन गंगवार को 1996 के चुनाव में हार का सामना करना पड़ा. 


चुनाव में हार मिलने के बाद भगवत सरण ने 2002 में भाजपा से अपना मोह भंग कर समाजवादी पार्टी में सदस्यता ग्रहण कर सपा के टिकट पर 2002, उसके बाद 2007 फिर 2012 में समाजवादी पार्टी से विजय पताका लहराकर लगातार तीन बार विधायक रहे. 2012 की सपा सरकार में भगवत सरन को स्वतंत्र प्रभार मंत्री भी बनाया गया. उसके बाद 2017, 2022 के विधानसभा चुनाव में भगवत सरन को एक बार फिर हार का सामना करना पड़ा था, और भाजपा ने यहां से अपना परचम लहराते हुए सपा के भगवत सरन को चुनाव हराया.


संतोष गंगवार के खिलाफ लड़ा था लोकसभा का चुनाव
भगवत सरन गंगवार 2009 में लोकसभा का चुनाव भी लड़े जिसके तहत उन्हें संतोष गंगवार के सामने लोकसभा चुनाव लड़े और भारतीय जनता पार्टी के लगातार बरेली से सांसद रहे संतोष गंगवार से लगभग 7000 वोटो से हार का सामना करना पड़ा था. उसके बाद 2019 के लोकसभा चुनाव में भी बरेली से लोकसभा सीट पर चुनाव लड़े और चार लाख वोट पाकर दूसरे स्थान पर रहे. समाजवादी पार्टी में भगवत सरन का कद लगातार बना रहा और कुर्मी समाज के बरेली मंडल में अच्छी पकड़ रखने वाले भगवत सरन गंगवार को आप पीलीभीत पहली लोकसभा सीट पर समाजवादी पार्टी ने भरोसा जताते हुए अपना उम्मीदवार बनाया है.


भगवत सरन गंगवार को चुनावी मैदान में उतारे जाने के को लेकर सियासी चर्चाएं अब तेज हो चली है. इस बार पीलीभीत बहेड़ी लोकसभा सीट जिसे वरुण मेनका का गढ़ कहा जाता है इस बार कुर्मी बाहुल्य क्षेत्र में इस लोकसभा सीट पर कड़ा मुकाबला देखने को मिलेगा. क्योंकि वरुण गांधी के प्रतिनिधि ने उनका नामांकन पत्र ले लिया है और भाजपा ने अपने प्रत्याशी के नाम की घोषणा अभी नही की है ऐसे में वरुण गांधी यदि निर्दलीय चुनाव लड़ते हैं तो मुकाबले भारतीय जनता पार्टी समाजवादी पार्टी बसपा और निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में वरुण गांधी के सामने दिलचस्प लड़ाई देखने को मिलेगी.


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