UP MLC By-Elections 2023: उत्तर प्रदेश में विपक्षी एकता की मुहीम का सोमवार को पहला टेस्ट होगा. हालांकि विपक्ष इस मुहीम में पास होगा या फेल ये चुनाव के नतीजे आने के बाद ही पता चलेगा. लेकिन बीते दिनों में बीजेपी (BJP) के खिलाफ लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) से पहले बन रहे विपक्ष के लिए यहां एकजुटता दिखाना एक बड़ी चुनौती दिख रही है. खास तौर पर समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) गठबंधन को लेकर उठ रहे तमाम सवालों के जवाब सोमवार को मिल जाएंगे. 


दरअसल, निकाय चुनाव के दौरान सपा गठबंधन में काफी खटपट हो दिखी. इस गठबंधन को जयंत चौधरी और पल्लवी पटेल ने झटका दिया था. जयंत चौधरी ने पश्चिमी यूपी की कई सीटों पर सपा के खिलाफ उम्मीदवार उतारे थे. जबकि दूसरी और पल्लवी पटेल की पार्टी अपना दल कमेरावादी ने भी कई सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार दिए थे. ऐसे में विधान परिषद चुनाव में गठबंधन की पहली परीक्षा होगी. यानी बड़ा सवाल होगा कि सपा गठबंधन में एकजुटता दिखती है या नहीं.


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ये भी होगा अहम सवाल
दूसरी ओर कर्नाटक चुनाव के नतीजे आने के बाद कांग्रेस को लेकर सपा और आरएलडी ने नरम रुख दिया है. दोनों ही दलों ने बीजेपी के खिलाफ कांग्रेस के साथ गठबंधन के संकेत दिए हैं. ये संकेत ऐसे वक्त में आए हैं जब बीजेपी के खिलाफ सीएम नीतीश कुमार के गठबंधन बनाने का प्रयास कर रहे हैं. इस लिहाज ये उपचुनाव काफी अहम होगा. सवाल ये है कि बीजेपी उम्मीदवारों के खिलाफ सपा गठबंधन के उम्मीदवार का कौन-कौन से दल साथ देते हैं?


वहीं नए संसद भवन के उद्घाटन का स्वागत कर बसपा प्रमुख मायावती ने विपक्षी एकता को झटका दिया है. जबकि सुभासपा प्रमुख ओम प्रकाश राजभर भी उन्ही के रास्ते पर चलते नजर आ रहे हैं. हालांकि बीते दिनों बीजेपी के साथ ओपी राजभर की खटपट बढ़ी है. इस वजह से देखना अहम होगा कि सुभासपा के विधायक किस गठबंधन के ओर वोट करते हैं.