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संसद से अखिलेश यादव ने सेट कर दिया यूपी का एजेंडा! राहुल गांधी ने भी दिया साथ
Lok Sabha session 2024:18वीं लोकसभा के शुरुआती दिन ही सपा मुखिया अखिलेश यादव ने एक अहम फैसला लेकर ये साबित कर दिया कि इस बार सत्ता पक्ष के सामने विपक्ष किसी भी सूरत में कमजोर नहीं रहने वाला है.
![संसद से अखिलेश यादव ने सेट कर दिया यूपी का एजेंडा! राहुल गांधी ने भी दिया साथ Samajwadi party chief Akhilesh Yadav and Ayodhya MP Avadhesh Prasad sitting together in Parliament संसद से अखिलेश यादव ने सेट कर दिया यूपी का एजेंडा! राहुल गांधी ने भी दिया साथ](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/06/25/bd8340bd14ac3cde2a31cdf6eedb733d1719308140488664_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Parliament Session 2024: 18वीं लोकसभा के शुरुआती दिन ही सपा मुखिया अखिलेश यादव ने एक ऐसा फैसला लिया है, जिसने पूरे विपक्ष का एजेंडा ही सेट कर दिया है. और ये भी तय कर दिया है कि इस बार सदन में सत्ता पक्ष के सामने विपक्ष किसी भी सूरत में कमजोर नहीं रहने वाला है.
18वीं लोकसभा सत्र के शुरुआती दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत तमाम मंत्रियों और सांसदों ने सांसद पद की शपथ ली. लेकिन सत्र के पहले दिन की सुर्खियां बटोरीं विपक्ष की अगली सीट पर बैठे तीन नेताओं ने, जिसने तय कर दिया कि संसद का ये सत्र विपक्ष के लिए क्या मायने रखता है.दरअसल संसद में विपक्ष के लिए जो अगली सीट थी, उसपर तीन नेता बैठे थे. एक तो खुद राहुल गांधी थे. दूसरे थे अखिलेश यादव. तीसरे सांसद वो थे, जिनकी जीत ने पूरी बीजेपी के माथे पर बल ला दिया है. उस सांसद का नाम है अवधेश प्रसाद, जिन्होंने अयोध्या से जीत दर्ज की है. और इस जीत के मायने विपक्ष के लिए कितने बड़े हैं, अवधेश प्रसाद की संसद में बैठने की जगह ने उसे तय कर दिया है.
इतना ही नहीं अखिलेश यादव ने जब संसद भवन के अंदर एंट्री ली, तो उनके एक हाथ में तो अयोध्या से जीते हुए सांसद अवधेश प्रसाद का हाथ था और दूसरे हाथ में संविधान की प्रति थी. उनकी पार्टी के जीते हुए और भी 36 सांसदों के हाथ में संविधान की प्रतियां थीं. इसी संविधान को एजेंडा बनाकर लड़े गए चुनाव ने विपक्ष और खास तौर से समाजवादी पार्टी को इतनी बड़ी जीत दिलाई कि वो उत्तर प्रदेश में सबसे बड़ी पार्टी बन गई. ऐसे में संसद के सत्र के पहले दिन राहुल गांधी और अखिलेश यादव के हाथ में संविधान की प्रति और संविधान बदलने की बात कहने वाले लल्लू सिंह को हराकर संसद पहुंचने वाले अवधेश प्रसाद ने बिना कुछ कहे भी बता दिया कि संसद का ये सत्र बीजेपी के लिए कतई आसान नहीं रहने वाला है.
बाकी राजनीति तो ऑप्टिक्स का ही खेल है. और इस खेल के पहले ही दिन अखिलेश यादव ने अवधेश प्रसाद को अपने बगल में बिठाकर इस खेल को रोमांचक बना दिया है. क्योंकि अखिलेश चाहते तो अपने बगल में पत्नी डिंपल को भी बिठा सकते थे. चाहते तो भाई धर्मेंद्र को भी बिठा सकते थे. चाहते तो जीते हुए दूसरे 36 सांसदों में किसी को भी अपने बगल की जगह दे सकते थे. लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया. अवधेश प्रसाद को ही आगे रखा. और इसके जरिए उन्होंने न सिर्फ बीजेपी या एनडीए को ही मैसेज दिया, बल्कि मैसेज मायावती के लिए भी साफ था कि समाजवादी पार्टी में अनुसूचित जाति से ताल्लुक रखने वाले अवधेश प्रसाद की जगह अखिलेश यादव और राहुल गांधी के बराबर की है.
बाकी अभी उत्तर प्रदेश में विधानसभा की 10 सीटों पर उपचुनाव होने हैं. और इन उपचुनावों में बीजेपी तो चुनाव लड़ेगी ही लड़ेगी, मायावती ने भी अपने उम्मीदवार उतारने का फैसला किया है.ऐसे में परिवारवाद और यादव वोटरों को तरजीह देने के आरोपों को झेलती समाजवादी पार्टी के सामने अपने गैर यादव वोटों और खास तौर से दलित वोटों को सहेजने की चुनौती है. और अखिलेश यादव ने अवधेश प्रसाद को अपनी बगल वाली सीट पर बिठाकर इस चुनौती का सामना करने की पहल कर दी है. और बाकी का काम तो इंडिया एलायंस के दूसरे दलों और खास तौर से कांग्रेस ने पूरा कर ही दिया है, जिसने संसद सत्र शुरू होने से पहले ही नारेबाजी कर तय कर दिया है कि संसद का नजारा कितना दिलचस्प होने वाला है.
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