UP News: कानपुर (Kanpur) में जुमे नमाज के बाद शुक्रवार को कई इलाकों में हिंसा (Violence) भड़क उठी. इस दौरान दो समुदाय के लोगों के बीच जमकर पथराव हुआ. हालात को देखते हुए उन इलाकों में में स्थिति को काबू में करने के लिए भारी पुलिस (Police) बल तैनात किया गया. अब इसम मामले में विपक्ष को एक बार फिर सरकार पर हमलावर होने का मौका मिल गया है. समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव और बसपा प्रमुख मायावती ने सरकार पर निशाना साधा है. 


क्या रही अखिलेश यादव की प्रतिक्रिया?
इस मामले पर विपक्ष के ओर से सबसे पहले सपा प्रमुख अखिलेश यादव की प्रतिक्रिया आई. उन्होंने ट्वीट कर लिखा, "महामहिम राष्ट्रपति जी, प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के नगर में रहते हुए भी पुलिस और ख़ुफ़िया-तंत्र की विफलता से बीजेपी प्रवक्ता नूपुर शर्मा द्वारा दिए गए. भड़काऊ बयान से कानपुर में जो अशांति हुई है, उसके लिए बीजेपी नेता को गिरफ़्तार किया जाए. हमारी सभी से शांति बनाए रखने की अपील है."


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क्या बोले बसपा प्रमुख?
बसपा प्रमुख मायावती ने भी ट्वीट कर सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने लिखा, "राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के यूपी दौरे के दौरान ही कानपुर में दंगा और हिंसा भड़कना अति-दुःखद, दुर्भाग्यपूर्ण और चिन्ताजनक है. ये पुलिस खुफिया तंत्र की भी विफलता का द्योतक है. सरकार को समझना होगा कि शान्ति व्यवस्था के अभाव में प्रदेश में निवेश और यहां का विकास कैसे संभव?" 


उन्होंने अगले ट्वीट में लिखा, "सरकार इस घटना की धर्म, जाति और दलगत राजनीति से ऊपर उठकर स्वतंत्र और निष्पक्ष उच्च-स्तरीय जाँच कराकर दोषियों के विरूद्ध सख्त कानूनी कार्रवाई करे. ताकि ऐसी घटना आगे न हो. साथ ही, लोगों से शान्ति और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए उत्तेजक भाषणों आदि से बचने की भी अपील."


जयंत चौधरी ने भी कसा तंज
आरएलडी प्रमुख जयंत चौधरी भी सरकार पर निशाना साधने में नहीं चुके. उन्होंने ट्वीट कर लिखा, "कानपुर के कुछ लोगों ने कश्मीर में धारा 370 हटाए जाने के बाद, श्रीनगर में जमीन खरीदने के सपने देखे होंगे. लेकिन आज देश, कश्मीर और कानपुर में इतनी मजबूत सरकार है. कानपुर वसियों को कश्मीर जाने की जरूरत ही नहीं है!"


बता दें कि हिंसा के दौरान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कानपुर में ही थे. अब इस मामले को लेकर विपक्ष सरकार पर हमलावर हो गया है. 


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