लखनऊ, एबीपी गंगा। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने रविवार को लखनऊ और यूपी के अलग-अलग जिलों में हुई हिंसा को लेकर सरकार पर जमकर निशाना साधा। अखिलेश यादव ने कहा कि यह सारी हिंसा सरकार प्रायोजित है हालांकि जब उनसे यह पूछा गया किसी बिंदु को लेकर उनको समस्या है तो उन्होंने उसका कोई सीधा जवाब नहीं दिया।


अखिलेश यादव ने आज कहा कि जो हालात ना केवल देश बल्कि प्रदेश में है उससे लोग चिंतित हैं। और मैंने पहले भी लोगों से अपील की है कि जो विरोध होना है. वो शांतिपूर्ण होना है। भाजपा जानबूझ कर माहौल बिगाड़ने में लगी है। खासतौर से सरकार उसमे शामिल है। भाजपा और उसके लोग एनआरसी के जरिये एक बार फिर लोगों को लाइन में लगाना चाहती है। आज अर्थव्यवस्था चौपट है, महिलाएं सुरक्षित नहीं है। नौजवान रोजगार के लिये भटक रहा है और इनसे सबका ध्यान हटाने के लिए नागरिकता संशोधन कानून लायी है सरकार। और मुख्यमंत्री जी धमकी दे रहे हैं कि बदला लेंगे। जो यूपी में जाने गयी हैं वो मुख्यमंत्री की वजह से गयी हैं।


अखिलेश यादव ने कहा कि समाजवादी पार्टी कभी एनआरसी का समर्थन नहीं कर सकती। और दंगा कराने वाले सरकार में बैठे हैं। दंगे से लाभ उसे ही मिलता है जो सरकार में रहता है। असली मुद्दों पर से ध्यान भटकाने के लिए ऐसा किया जा रहा है । समाजवादी पार्टी ने शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन किये हैं, ये केवल सरकार की वजह से हुआ है। साथ ही ये भी कहा कि अगर सपा के लोगों से हर्जाना वसूला जाएगा तो सबसे पहले 2007 ने जो दंगा गोरखपुर में हुआ था उसके लिए भी वसूली होनी चाहिए।


वही विधानसभा में भाजपा के विधायकों के प्रदर्शन पर कहा कि भाजपा के विधायक 20-20 खेल रहे हैं। नये साल पर ये विधायक फिर 20-20 खलेंगे। और नए साल पर बंपर ऑफर हैं, तारे सितारे और नक्षत्र तो यही कहते हैं कि कुछ बदलाव होगा। साथ ही प्रधानमंत्री के लखनऊ दौरे पर भी सपा प्रमुख ने निशाना साधा और कहा कि लोकभवन हमने बनाया लेकिन अब क्या हो रहा है। 23 दिसंबर को हमारी बिजनोर में रैली थी लेकिन 144 का हवाला देकर उसे रद्द कर दिया तो ये धारा 144 तो 25 दिसंबर को भी लगी होगी। हम उस दिन का इंतजार कर रहे हैं कि क्या धारा 144 केवल विपक्ष के लिए है प्रधानमंत्री के लिए नहीं है।