शिक्षकों की मौत के आंकड़े पर बढ़ा सियासी रार, अखिलेश यादव ने किया योगी सरकार पर वार
यूपी में शिक्षकों की मौत के आंकड़े पर योगी सरकार विपक्ष के निशाने पर है. शिक्षक संघ और यूपी सरकार की सूची को लेकर राजनीतिक घमासान शुरू हो गया है.
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में शिक्षकों की मौत के आंकड़ों पर सियासत गरमा रही है. समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने प्रदेश की बीजेपी सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि शिक्षकों के प्रति तिरस्कारपूर्ण रवैये से शिक्षा जगत आक्रोशित है. सपा प्रमुख ने ट्वीट करते हुये लिखा कि, सरकार 1621 शिक्षकों को मुआवजा न देकर उनका अपमान कर रही है.
बता दें कि, राज्य सरकार ने एक सूची जारी करते हुये कहा था कि, पंचायत चुनाव की ड्यूटी के दौरान तीन शिक्षकों की मौत हुई थी. वहीं, राज्य शिक्षक संघ ने सूची जारी करते हुये 1621 शिक्षकों की मौत की बात कही है.
सपा मुखिया ने किया ट्वीट
सपा मुखिया अखिलेश यादव ने अपने ट्वीट में कहा कि, ‘उप्र का समस्त शैक्षिक जगत भाजपा सरकार द्वारा मृतक शिक्षकों व शिक्षामित्रों के प्रति तिरस्कारपूर्ण रवैये से बेहद आक्रोशित है. भाजपा सरकार मृतकों की संख्या केवल ‘3’ बता रही है. भाजपा सरकार शिक्षक संघ की ‘1621’ मृतकों की सूची को मुआवज़े का मान न देकर मृतकों का अपमान कर रही है’.
उप्र का समस्त शैक्षिक जगत भाजपा सरकार द्वारा मृतक शिक्षकों व शिक्षामित्रों के प्रति तिरस्कारपूर्ण रवैये से बेहद आक्रोशित है।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) May 20, 2021
भाजपा सरकार मृतकों की संख्या केवल ‘3’ बता रही है। भाजपा सरकार शिक्षक संघ की ‘1621’ मृतकों की सूची को मुआवज़े का मान न देकर मृतकों का अपमान कर रही है।
प्रियंका गांधी ने भी आड़े हाथों लिया
इससे पहले कांग्रेस महासचिव ने शिक्षकों की मौत के आंकड़े पर योगी सरकार पर सवाल उठाये थे. उन्होंने सरकार के आंकड़ों को झूठ बताते हुये संवेदनहीन कहा. कांग्रेस नेता ने ट्वीट करते हुये कहा था कि, शिक्षकों को जीते जी उचित सुरक्षा उपकरण और इलाज नहीं मिला. इसके अलावा उन्होंने लिखा कि, उनकी मौत के बाद भी सरकार अब उनका सम्मान छीन रही है.
ये है विवाद
आपको बता दें कि, यूपी में हाल ही में हुये पंचायत चुनाव के दौरान कई शिक्षकों की मौत की खबर थी. वहीं, राज्य के शिक्षक संघ के मुताबिक, 1621 शिक्षकों ने मतदान ड्यूटी के दौरान दम तोड़ा था. यही नहीं, उन्होंने इस पर विस्तार से सूची भी जारी की है. लेकिन वहीं, सरकार ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि ड्यूटी के दौरान केवल तीन शिक्षकों की मौत हुई थी. फिलहाल अब ये मुद्दा सियासी रंग लेता दिखाई दे रहा है.
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