UP News: 'सभी जातियों को मिलेगा अधिकार और सम्मान', अखिलेश यादव ने की जातीय जनगणना की मांग
Akhilesh Yadav News: पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने बीजेपी से सरकार से राजनीति छोड़कर देश में जातिगत जनगणना करवाए जाने की अपील की थी. एक बार फिर उन्होंने जातीय जनगणना की मांग की है.
Akhilesh Yadav On Caste Census: सपा प्रमुख और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने जातीय जनगणना की अपनी मांग जारी रखी है. उन्होंने गुरुवार (12 अक्टूबर) को लखनऊ में कहा कि जातीय जनगणना हमारे समाज को जोड़ेगी. जो जातियां पीछे रह गई थीं, जिन्हें अभी तक सम्मान और अधिकार नहीं दिया गया है, और जो लोग ऐसा सोचते हैं उनकी जनसंख्या अधिक है, लेकिन उन्हें उसके अनुरूप कुछ नहीं मिल रहा है, मुझे लगता है कि जाति आधारित जनगणना हमारे समाज को एकीकृत करेगी.
उन्होंने कहा कि इससे सभी जातियों को अधिकार और सम्मान मिलेगा. बाबा साहब भीमराव अंबेडकर ने जो व्यवस्था की थी उससे जाति को आरक्षण दिया था. बिहार में जातीय गणना के सर्वे के आंकड़े जारी होने के बाद से अखिलेश यादव लगातार जातीय जनगणना की कर रहे हैं. इससे पहले अखिलेश यादव ने बिहार सरकार के जातिगत सर्वेक्षण के आंकड़े जारी करने का स्वागत करते हुए भी बीजेपी सरकार पर तंज कसा था.
बीजेपी सरकार से की थी ये अपील
अखिलेश यादव ने कहा था कि बीजेपी सरकार राजनीति छोड़े और देशव्यापी जातिगत जनगणना करवाए. उन्होंने कहा था कि जातिगत जनगणना 85-15 के संघर्ष का नहीं, बल्कि सहयोग का नया रास्ता खोलेगी और जो लोग प्रभुत्वकामी नहीं हैं, बल्कि सबके हक के हिमायती हैं, वो इसका समर्थन भी करते हैं और स्वागत भी. जो सच में अधिकार दिलवाना चाहते हैं वो जातिगत जनगणना करवाते हैं.
जेपीएनआईसी में हुआ था हंगामा
सपा प्रमुख ने बीते दिन भी बीजेपी को घेरा था. दरअसल, सपा मुखिया अखिलेश यादव बुधवार को जयप्रकाश नारायण की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने जेपीएनआईसी गए थे. उन्हें अंदर जाने से रोकने के लिए गेट बंद कर ताला लगा दिया गया था, जिस पर अखिलेश यादव अपने समर्थकों सहित गेट फांदकर अंदर कूद गए और माल्यार्पण किया.
इसके बाद अखिलेश यादव ने कहा था, "जब लोकतंत्र में लोकनायक के माल्यार्पण के लिए बाधाएं खड़ी की जाएं तो लोकतंत्र किस काम का. बीजेपी, सपा का रास्ता नहीं रोक सकती. बीजेपी सरकार ने लोकनायक जयप्रकाश नारायण की प्रतिमा और संग्रहालय की क्या दुर्गति की है. सारे देश-प्रदेश को ये देखना चाहिए. ये एक स्वतंत्रता सेनानी का भी अपमान है और समाजवादी चिंतक का भी. आजादी की जंग में भाग न लेने वाली बीजेपी स्वतंत्रता के संघर्ष का मोल क्या जाने, जो इतिहास का."
ये भी पढ़ें-