Akhilesh Yadav on Sambhal: समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने संभल में हुई हिंसा को लेकर सदन में चर्चा किए जाने की मांग की है. उन्होंने कहा कि इस मामले को लेकर अधिकारी अपनी मनमानी कर रहे है. उन्होंने पूरी घटना को बीजेपी की सोची समझी रणनीति बताया और कहा कि कुछ लोग हर जगह को खोदना चाहते है. संभल में अघिकारी बीजेपी के कैडर के तौर पर काम कर रहे है.
अखिलेश यादव ने कहा कि जिस दिन से सदन शुरू हुआ है उस दिन से हमारी पार्टी ने संभल पर चर्चा की मांग कर कर रही है. हमारी मांग अभी भी वही है कि सदन में संभल हिंसा को लेकर चर्चा की जाए. हम हमारी बात रखना चाहते हैं. अधिकारी मनमानी कर रहे हैं और वहां की सरकार के इशारे पर ये मनमानी की जा रही है.
प्रशासन पर अखिलेश यादव ने लगाया आरोप
सपा अध्यक्ष ने कहा कि प्रशासन का इस तरह का व्यवहार कभी देखने को नहीं मिला. कम से कम वहां पर जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई हो. जो लोग जगह-जगह 'खोद देना' यानी सर्वे कराना चाहते हैं वो देश का सौहार्द भी खो देंगे. यह सोची-समझी रणनीति है जिसके तहत भाजपा जगह-जगह पर इस तरह का काम कर रही है. उन्होंने कहा कि भारत सरकार को बांग्लादेश को लेकर चिंता करनी चाहिए. भारत सरकार हमारे साधु संत की चिंता तक नहीं कर पा रही.
संभल हिंसा को लेकर लगातार समाजवादी पार्टी प्रदेश सरकार और बीजेपी पर हमलावार है. सपा ने इसे सोची समझी साजिश करार दिया है. दो दिन पहले सपा का प्रतिनिधिमंडल संभल जाने वाला था लेकिन, प्रशासन की ओर से ये कहकर रोक दिया गया कि संभल में दस दिसंबर तक किसी भी बाहरी व्यक्ति के आने की मनाही की गई. हालांकि इसे लेकर सपा नेताओं और पुलिस के बीच काफी रस्साकशी भी देखने को मिली लेकिन, पुलिस ने सपा नेताओं को संभल नहीं जाने दिया है.
बता दें कि 24 नवंबर को संभल की शाही जामा मस्जिद के सर्वे को लेकर हिंसा भड़क उठी थी, जिसके बाद आगजनी और तोड़फोड़ की घटनाएं देखने को मिलीं. इस हिंसा में चार लोगों की मौत भी हो गई. पुलिस ने इस मामले में अब तक 2750 आरोपियों पर मुकदमा दर्ज किया है. इनमें से ज्यादा अज्ञात आरोपी हैं. सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क को हिंसा मामले में आरोपी नंबर एक और सपा विधायक के बेटे सोहेल इक़बाल को आरोपी नंबर दो बनाया गया है.