Lok Sabha Elections 2024: उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव (UP Nikay Chuanv) टलने के वजह से सभी पार्टियों ने लोकसभा चुनाव के लिए तैयारी तेज कर दी है. बीजेपी (BJP) और समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) समेत अन्य दल अपनी रणनीति पर अमल करने का पूरा प्रयास कर रहे हैं. लेकिन इस बीच अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) बीजेपी के खिलाफ सपा के गढ़ को अभेद्य बनाने में लगे हुए हैं. इसकी झलक बीते कुछ दिनों में देखने को मिली है. 


अखिलेश यादव मैनपुर उपचुनाव में जीत दर्ज करने के बाद से ही सपा के पुराने गढ़ों को फिर से अभेद्य बनाने में लगे हुए हैं. दरअसल, उपचुनाव में जीत दर्ज करने के बाद वो ज्यादा से ज्यादा वक्त लखनऊ के बाहर कार्यकर्ताओं के बीच में दे रहे हैं. खास तौर पर उनका दौरा इटावा, कन्नौज, फिरोजाबाद, आजमगढ़ समेत कुछ और सीटों पर रहा है. इसके अलावा सपा प्रमुख खास तौर पर मैनपुरी में जीत के बाद भी सक्रिय दिखे हैं. 



UP Politics: वरुण गांधी का कद BJP में कैसे हर दिन हो रहा है कम? 19 साल पहले शुरू हुआ था राजनीतिक सफर


ऐसी बदली है रणनीति
दरअसल, इटावा, कन्नौज, फिरोजाबाद और आजमगढ़ वही सीटें हैं जहां सपा हमेशा जीत दर्ज करती आई है. हालांकि बीते दो चुनाव के दौरान इन सभी सीटों पर बीजेपी ने सेंधमारी की है. लेकिन इस बार फिर से बीजेपी के खिलाफ अखिलेश यादव पहले अपने गढ़ों को दुरुस्त करते नजर आ रहे हैं. इस क्रम में पिछले महीने वे आजमगढ़ गए थे. जिसके बाद इटावा भी गए. वहीं मंगलवार को वे कन्नौज में नजर आए. 



इस दौरान उन्होंने कार्यकर्ताओं और लोगों के बीच ज्यादातर समय दिया. कन्नौज दौरे पर सपा प्रमुख इत्र संग्रहालय और फूलमती देवी मंदिर गए. कन्नौज दौर पर उन्होंने एक बयान दिया और कहा, "मैं पहली बार लोकसभा का सांसद चुना गया था, उसी समय तय किया था कन्नौज में किसी जगह म्यूजियम बन जाए जहां कन्नौज की जो धरोहर है उसका अच्छी तरीके से संरक्षण किया जाए. लेकिन इस सरकार की मंशा है सब अच्छी चीजें खराब हो जाएं." इस बयान से स्पष्ट था कि वे फिर से अपने गढ़ में एक्टिव रहने के साथ लोगों से जुड़ने का प्रयास कर रहे हैं.