Watch: 'बात खानदान तक पहुंची है तो...' , अखिलेश यादव की बात सुन विधानसभा में विधायकों ने लगाए ठहाके, सीएम योगी भी मुस्कुराते आए नजर
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने अलग-अलग विभागों को पिछले वर्ष आवंटित किए गए बजट और उस पर हुए खर्च का जिक्र किया. उन्होंने यह भी कहा कि क्या शेरो-शायरी से जमीन तक बातें पहुंच जाएगी.
UP News: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने विधानसभा में भाजपा सरकार पर निशाना साधा और कहा कि सरकार हर बार सबसे बड़ा बजट पेश करती है पर उसे खर्च नहीं कर पाती है. अखिलेश यादव ने शनिवार को यूपी विधानसभा में 5 फरवरी को पेश किए गए बजट 2024-25 पर अपना पक्ष रखते हुए कहा कि सरकार ने जितना आवंटन किया, उस पर खर्च कितना हुआ है, इसकी जानकारी नहीं देती है.
अखिलेश ने अलग-अलग विभागों को पिछले वर्ष आवंटित किए गए बजट और उस पर हुए खर्च का जिक्र किया. उन्होंने यह भी कहा कि क्या शेरो-शायरी से जमीन तक बातें पहुंच जाएगी. जो बातें मैंने कही है, उस पर क्या कहेंगे. सदन जाने कि आप बजट क्यों नहीं खर्च कर पा रहे हो या आप जो प्रोविजन कर रहे हो, वह आंकड़े गलत हैं या जो खर्च करने जा रहे हैं तो वो आंकड़े गलत हैं. भाजपा की नीति आम जनता के लिए नहीं है, वह सिर्फ 10 प्रतिशत संपन्न लोगों के लिए है.
क्या बोले अखिलेश यादव
उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि यह सरकार की अब तक का सबसे बड़ा बजट है तो सरकार क्यों खर्च नहीं कर पाती है, केवल टोटल बजट है और जो वास्तविक व्यय है, उसमें फर्क क्यों आता है. मुझे उम्मीद की वित्त मंत्री जब अपनी बात रखें तो यह भी बताएं कि पिछली बार जिस दिन विभागों में आपने जो बजट दिया था, जो प्रोविजंस किए थे, उसके एक्सपेंडिचर में क्या दिखाई दे रहे हैं. आखिरकार सरकार खर्च क्यों नहीं कर पा रही है, बजट इतना बड़ा है तो खर्च कितना है.
सपा प्रमुख का एक वीडियो भी वायरल हो रहा है, जिसमें वो बोल रहे हैं, 'डूबा देता है कोई नाम खानदान का, किसी के नाम से मशहुर होकर गांव चलता है. अपना गांव तो बता दे कौन सा है आपका गांव. जो अपने गांव की पहचान नहीं बना सकते वो किसी को पहचान भी नहीं दे सकते. बात खानदान तक पहुंची है तो खानदान बढ़ाने के लिए भी कुछ करना चाहिए.'
अखिलेश यादव ने एक शेर के साथ अपनी बात कही. उन्होंने कहा, "शेर उनके मुंह से अब अच्छे नहीं लगते, 46 में 56 की जो बात करते हैं." उन्होंने कहा कि यूपी का बजट सात लाख करोड़ का हो या आठ लाख करोड़ का, पर सबसे बड़ा सवाल यही है कि प्रदेश की 90 फीसदी जनता के लिए क्या है?