UP News: बिहार (Bihar) में बीजेपी (BJP) से अलग होने के बाद सीएम नीतीश कुमार (Nitish Kumar) विपक्षी दलों को एक साथ लाने में लगे हुए हैं. आरजेडी (RJD) प्रमुख लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) भी उनका बखूबी साथ दे रहे हैं. वहीं बीते दिनों विपक्षी एकता को देखते हुए हरियाणा (Haryana) में विपक्षी दलों के एक रैली हुई. लेकिन विपक्षी दलों के ये रैली विपक्षी एकता पर फिर से सवाल खड़े कर गई. दरअसल, समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के कारण विपक्षी एकता एक बार फिर से सवालों के घेरे में है. 


26 सितंबर को पूर्व उप-प्रधानमंत्री चौधरी देवीलाल की 109वीं जयंति थी. इस मौके पर विपक्षी दलों ने फतेहाबाद में एक रैली का आयोजन किया. ये रैली का कार्यक्रम पिछले लंबे वक्त से तय भी था. इसके लिए लगभग सभी विपक्षी दलों को न्योता भी गया था. लेकिन इस रैली में सपा प्रमुख अखिलेश यादव के नहीं पहुंचने से विपक्षी एकता को धक्का लगा है. इसके बाद विपक्षी एकता एक बार फिर से सवालों के घेरे में आ गई है. 



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इन नेताओं ने रैली में लिया हिस्सा
दरअसल, इस रैली की तैयारी विपक्षी एकता को एक मंच पर लाने के लिए चल रही थी. इसके लिए विपक्ष तमाम नेता इस रैली में पहुंचे थे. इस रैली में बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव, सीएम नीतीश कुमार, ओम प्रकाश चौटाला, एनसीपी प्रमुख शरद पवार, सीताराम येचुरी और सुखबीर सिंह बादल समेत कई नेता दिखाई दिए. 


लेकिन विपक्षी एकता पर सवाल तब खड़े हो गए जब यूपी के किसी भी बड़े विपक्षी दल का कोई नेता इस रैली में नहीं दिखा. हालांकि बसपा प्रमुख मायावती का अभी तक कोई झुकाव इस विपक्षी एकता के ओर नहीं दिखा है. लेकिन नीतीश कुमार से मुलाकात के बाद अखिलेश यादव विपक्षी एकता के समर्थन में आते दिख रहे थे.


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