![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/Premium-ad-Icon.png)
'सरकार में मंत्रालय मन-त्रालय बनकर रह गये', अखिलेश यादव ने प्री बजट को बताया छलावा
Akhilesh Yadav News: सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने प्री-बजट को एक दिखावा और छलावा बताया है. उन्होंने कहा कि जहां मनमानी होती है वहां सलाह-मशवरे का नाटक करना जनता को ठगना है.
!['सरकार में मंत्रालय मन-त्रालय बनकर रह गये', अखिलेश यादव ने प्री बजट को बताया छलावा Samajwadi Party Chief Akhilesh Yadav on Budget 2024 25 called pre-budget meeting an illusion 'सरकार में मंत्रालय मन-त्रालय बनकर रह गये', अखिलेश यादव ने प्री बजट को बताया छलावा](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/07/06/a2443961a56b3d6c6957cc401492b5d91720263654730426_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Budget 2024-25 Meeting: केंद्र सरकार जुलाई के तीसरे हफ्ते में आम बजट 2024-25 पेश करने की तैयारी में जुटी है. जिसके लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक्सपर्ट्स के साथ प्री-बजट बैठकें कर रही है. जिसे लेकर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने केंद्र सरकार पर तंज कसा है. उन्होंने कहा कि आर्थिक मामले में बीजेपी सरकार की भूमिका टाइपिस्ट से ज्यादा नहीं हैं.
सपा अध्यक्ष ने प्री-बजट की बैठकों पर तंज करते हुए एक्स पर लिखा- 'प्री-बजट का दिखावा भी एक छलावा है. जहां मनमानी होती है वहां सलाह-मशवरे का नाटक करना जनता को ठगना है. सरकार में अधिकतर मंत्रालय ‘मन-त्रालय’ बनकर रह गये हैं. जब मंत्री ही नहीं बदले हैं तो बजट में बदलाव कैसे आएगा. आर्थिक बदहाली का ये दौर यूं ही जनता को परेशानी और महंगाई के दलदल में धकेलता रहेगा.'
अखिलेश यादव ने साधा निशाना
'भाजपा सरकार की नोटबंदी, जीएसटी, आम जनता पर ज़्यादा टैक्स और अमीर कंपनियों पर कम टैक्स की घातक आर्थिक नीतियों की वजह से देश में असंगठित-अनौपचारिक काम-धंधों की 63 लाख इकाइयां बंद हो गयी हैं. इससे बेरोजगारी भी रिकार्ड स्तर पर पहुंच गयी है. ऐसे हालातों में जब 10 दिन बाद बजट पेश होना है, सरकार क्या तो किसी का सुझाव लेगी और क्या पहले से तैयार बजट में कोई बदलाव करेगी.'
उन्होंने आगे कहा, 'कोविड जैसी त्रासदी के बाद जो आर्थिक हालात पैदा हुए हैं, उनमें भी सुधार न होना भाजपा सरकार की आर्थिक बदइंतज़ामी की ही नाकामी है. भाजपा सरकार का बजट सुझाव पर नहीं कुछ लोगों के निर्देश पर बनता है. आर्थिक नीतियों के मामले में भाजपा सरकार की भूमिका टाइपिस्ट से अधिक नहीं रही है. सरकार का बस स्टेनो बनकर रह जाना अच्छा नहीं. जनता को राहत देते हुए देश का विकास ही बजट का उद्देश्य होना चाहिए.'
बता दें कि वित्त मंत्रालय में इन दिनों आम बजट को लेकर प्री-बजट बैठकों का दौर चल रहा है. इसके तहत विभिन्न एक्सपर्ट्स के साथ चर्चा की जा रही है. वित्त मंत्री ने इंडस्ट्री के शेयरधारकों के साथ भी बजट से पहले चर्चा की है और इसमें आने वाले बजट को लेकर उनकी आकांक्षाओं और अपेक्षाओं को जाना गया है.
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)
![गुंजन मिश्रा](https://feeds.abplive.com/onecms/images/author/6ec004605e883a2bcc75eaa943aa1490.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=70)