UP Politics: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और लोकसभा में समाजवादी पार्टी संसदीय दल के नेता अखिलेश यादव एक बार फिर से पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) फॉर्मूले पर चलते हुए दिखाई दे रहे हैं. सपा अध्यक्ष ने संसद में भी इस फॉर्मूले के आधार पर नेताओं को अहम जिम्मेदारी दी है. फैजाबाद में बीजेपी को हराने वाले सांसद अवधेश प्रसाद को लोकसभा में अहम जिम्मेदारी दी है. उन्हें अधिष्ठाता मंडल का सदस्य नियुक्त किया है.


अवधेश प्रसाद के अलावा सपा ने बाबू सिंह कुशवाहा को लोकसभा में समाजवादी पार्टी संसदीय दल का उपनेता और आजमगढ़ से सांसद धर्मेंद्र यादव को लोकसभा में मुख्य सचेतक नामित किया है. अखिलेश यादव ने लोकसभा में अहम पदों पर नेताओं के नाम का एलान कर दिया है. इनमें उनके पीडीए की छाप साफ दिखाई दे रही है. 


अखिलेश यादव ने लागू किया PDA फॉर्मूला
सपा अध्यक्ष ने दलित समाज से आने वाले अवधेश प्रसाद को अधिष्ठाता मंडल का सदस्य नियुक्त कर दलितों में संदेश देने की कोशिश की है तो वहीं जौनपुर से सपा सांसद बाबू सिंह कुशवाहा जो पिछड़े समाज से आते हैं उन्होंने संसदीय दल का उपनेता बनाया है, इससे गैर यादव ओबीसी समाज को सपा के साथ रखने की कवायद के तौर पर देखा जा रही है. सपा अध्यक्ष ने धर्मेंद्र यादव को मुख्य सचेतक बनाकर विधानसभा चुनाव 2027 से पहले पार्टी में दूसरी पंक्ति के नेताओं को आगे बढ़ाने का काम किया है. 



इससे पहले अखिलेश यादव ने यूपी विधानसभा में माता प्रसाद पांडे को नेता प्रतिपक्ष बनाया था, जिसके बाद उनके इस फैसले की काफी आलोचना भी हुई. बसपा सुप्रीमो मायावती समेत बीजेपी के कई नेताओं ने उन पर पीडीए की अनदेखी करने और उन्हें धोखा देने का आरोप लगाया था. हालांकि दूसरी तरफ कई जानकार इसे पीडीए के साथ सवर्णों को भी साथ लाने की क़वायद के तौर पर देख रहे हैं. 


यूपी विधानसभा में भी इन्हें मिली अहम जिम्मेदारी


सपा अध्यक्ष यूपी विधानसभा में जहां माता प्रसाद पांडे को नेता प्रतिपक्ष बनाकर स्वर्णों के साथ होने का संदेश दिया तो वहीं महबूब अली का अधिष्ठाता मंडल का सदस्य बनाया और कमाल अख़्तर को मुख्य सचेतक बनाया है. इनके साथ ही पिछड़े वर्ग से आने वाले आरके वर्मा को उपसचेतक नियुक्त किया गया है. इन तमाम नियुक्तियों में पीडीए की झलक साफ दिखाई पड़ती है.  


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