UP News: केंद्र सरकार ने बीते सोमवार को 'नो डिटेंशन पॉलिसी' को खत्म कर दिया है. इस फैसले के तहत अब कक्षा 5 और 8 की वार्षिक परीक्षा में असफल छात्रों को फेल किया जाएगा. अब मोदी सरकार के इस फैसले पर समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया के जरिए पोस्ट कर पहली प्रतिक्रिया दी है.


अखिलेश यादव ने अपने पोस्ट में लिखा, 'विद्यार्थियों के फेल होने के कई और कारण भी हो सकते हैं जैसे खराब शिक्षण-परीक्षण व्यवस्था, उनकी सामाजिक स्थिति या आर्थिक हालात, इसीलिए बच्चों को पास होने का मानसिक दबाव देना उचित नहीं. हर पहलू पर विचार करने के बाद ही बच्चों के लिए ऐसा फैसला करना चाहिए.'



सपा प्रमुख ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में आगे लिखा, 'भाजपा सरकार को ये निर्णय वापस लेना चाहिए. सच तो ये है कि जो बच्चे उत्तीर्ण नहीं हो पा रहे हैं, उनकी व्यक्तिगत समस्या को समझने के लिए विशेष प्रयास और अतिरिक्त शिक्षण होना चाहिए. सरकार की सोच बड़ी होनी चाहिए.'


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क्या है फैसला
वहीं स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के सचिव संजय कुमार ने केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के फैसले की जानकारी दी थी. उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बताया कि आज हमने यह निर्णय लिया है कि पांचवीं और आठवीं में प्रयास करने के बाद भी डिटेंशन की जरूरत पड़े तो उसी के बाद डिटेन किया जाए. इसमें यह भी प्रावधान किया है आठवीं कक्षा तक के स्कूलों से बच्‍चों को निष्कासित नहीं किया जाए.


'नो डिटेंशन पॉलिसी' खत्म होने के बाद कक्षा 5 और 8 की वार्षिक परीक्षा में असफल छात्रों को फेल किया जाएगा. फेल छात्रों को दो महीने के भीतर पुन: परीक्षा का अवसर मिलेगा और इसमें भी फेल होने पर उन्हें अगली कक्षा में प्रोन्नत नहीं किया जाएगा. किसी भी छात्र को स्कूल से नहीं निकाला जाएगा. अब अखिलेश यादव ने सरकार के इस फैसले पर सवाल खड़े कर दिए हैं.