Lok Sabha Elections 2024: PDA फॉर्मूले पर अखिलेश यादव बोले- 'दलगत राजनीति से ऊपर उठकर सब इससे जुड़ें'
Lok Sabha Elections 2024: समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने अपने पीडीए (PDA) के फॉर्मूले पर फिर से प्रतिक्रिया दी है.
UP News: आगामी लोकसभा चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने पीडीए (PDA) का फॉर्मूला दिया था. उनके इस फॉर्मूले के बाद विरोधी दलों ने सपा प्रमुख पर जमकर जुबानी हमले बोले हैं. वहीं बीएसपी (BSP) चीफ मायावती (Mayawati) की भी प्रतिक्रिया आई थी, जिसका अखिलेश यादव ने जवाब दिया है.
अखिलेश यादव ने बुधवार को अपने अधिकारिक ट्विटर हैंडल पर लिखा, "PDA मूल रूप से ‘पिछड़े, दलित व अल्पसंख्यक’ के शोषण, उत्पीड़न व उपेक्षा के ख़िलाफ़ उठती हुई चेतना व समान अनुभूति से जन्मी उस एकता का नाम है, जिसमें हर वर्ग के वे सब लोग भी शामिल हैं, जो मानवता के आधार पर इस तरह की नाइंसाफी के खिलाफ हैं. दलगत राजनीति से ऊपर उठकर सब इससे जुड़ें."
इससे पहले मायावती ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "सपा द्वारा एनडीए के जवाब में पीडीए (पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक) का राग, इन वर्गों के अति कठिन समय में भी केवल तुकबन्दी के सिवाय और कुछ नहीं. इनके पीडीए का वास्तव में अर्थ परिवार, दल, एलाइन्स है जिस स्वार्थ में यह पार्टी सीमित है. इसीलिए इन वर्गों के लोग जरूर सावधान रहें."
क्या है पीडीए फॉर्मूला?
दरअसल, बीते दिनों ही अखिलेश यादव ने बीजेपी से मुकाबला करने के लिए नया जातीय समीकरण तैयार किया है. इस समीकरण को पीडीए का नाम दिया है. उन्होंने कहा, "इस बार लोकसभा चुनाव में वो पी यानी पिछड़े, डी यानी दलित और ए यानी अल्पसंख्यकों के सहारे एनडीए को हराएंगे." गौरतलब है कि सपा ने कोलकाता अधिवेशन के बाद से ही नई रणनीति पर काम शुरू कर दिया है.
पार्टी ने बीजेपी से मुकाबला करने के लिए आगामी लोकसभा चुनाव से पहले अनुसूचित जाति को भी अपने साथ जोड़ने के लिए अभियान चलाया है. बीते दिन नैमिषारण्य में भी कार्यकर्ताओं को इसका संदेश दिया है. उन्होंने इस संदेश को गांव-गांव तक पहुंचाने की बात कही है.