Mulayam Singh Yadav: समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के संस्थापक मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद अब मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव (Mainpuri Lok Sabha By-Election) की चर्चा शुरू हो गई है. मैनपुरी लोकसभा सीट पर लंबे वक्त से नेताजी या परिवार का ही कोई सदस्य चुनाव लड़ता रहा है. वहीं ये लोकसभा सीट सपा परिवार का गढ़ मानी जाती है. यहां से वर्तमान में मुलायम सिंह यादव सांसद थे. लेकिन अब उनके निधन के बाद अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के अलावा परिवार के ही कुछ लोगों के उपचुनाव में उम्मीदवार बनने की संभावना है.


मैनपुरी लोकसभा सीट से पहले पार्टी अध्यक्ष और फिर संरक्षक रहे मुलायम सिंह यादव जीत दर्ज करते रहे हैं. इस लिहाज से उनके निधन के बाद अखिलेश यादव के चुनाव लड़ने की चर्चा जोर पकड़ रही है. लेकिन अखिलेश यादव पहले ही आजमगढ़ से सांसद थे और विधानसभा चुनाव में जीत करहल से विधायक बनने के बाद उन्होंने संसद की जगह यूपी विधानसभा में नेता विपक्ष बनकर बीजेपी से सीधी टक्कर लेने का फैसला किया. जिसके बाद सपा प्रमुख ने आजमगढ़ से इस्तीफा दिया और वहां उपचुनाव हुआ.


क्या उम्मीदवार बनेंगे शिवपाल सिंह यादव?
अब बात अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल सिंह यादव की करते हैं. बीते कुछ महीनों से प्रसपा प्रमुख के बयानों पर नजर डालें तो उनकी दावेदारी भी मानी जा रही है. लेकिन अब अखिलेश यादव और शिवपाल सिंह यादव की राहें जुदा हैं. लेकिन बीते दिनों ही शिवपाल सिंह यादव ने कहा था कि अगर नेताजी मैनपुरी से चुनाव नहीं लड़ते हैं तो मैं चुनाव लड़ूंगा. हालांकि उन्होंने बाद में सफाई देते हुए कहा कि नेताजी के रहते मैं चुनाव नहीं लड़ूंगा. लेकिन अब जब उनसे उम्मीदवारी को लेकर सवाल हुआ तो उन्होंने कहा, "अभी हम उस स्थिति में नहीं हैं. ये सब बातें तो जब मौका आएगा तो की जाएंगी. इसलिए इस समय कोई फैसले की बात नहीं है."


इन दोनों नेताओं के बाद सबसे ज्यादा चर्चा धर्मेंद्र यादव की हो रही है. वे अखिलेश यादव के चचेरे भाई भी हैं, साथ ही परिवार में उनके भरोसेमंद लोगों में उनकी गिनती होती है. दूसरी ओर मुलायम सिंह यादव के चहेतों में से एक रहे हैं. इस वजह से धर्मेंद्र यादव की दावेदारी मानी जा रही है. लेकिन बीते दिनों ही सपा प्रमुख द्वारा खाली सीट आजमगढ़ के उपचुनाव में पार्टी ने उन्हें उम्मीदवार बनाया था. लेकिन तब वे उपचुनाव में हार गए थे. उन्हें बीजेपी उम्मीदवार दिनेश लाल यादव निरहुआ ने हराया था. ऐसे में एक उपचुनाव हारने के बाद दूसरी सीट पर फिर उनके उम्मीदवार बनने की उम्मीद कम ही है.


डिंपल यादव भी हो सकती हैं उम्मीदवार
मैनपुरी लोकसभा सीट सपा परिवार का गढ़ होने के साथ ही परिवार के लिए सुरक्षीत सीट रही है. इसी वजह से माना जा रहा है कि मैनपुरी लोकसभा सीट से अखिलेश यादव परिवार में अपने किसी सबसे भरोसेमंद को उम्मीदवार बना सकते हैं. इस लिहाज से वे खुद अपनी पत्नी और कन्नौज की पूर्व सांसद डिंपल यादव को भी उम्मीदवार बना सकते हैं. लेकिन बीते दिनों जब अखिलेश यादव से डिंपल यादव को आजमगढ़ से प्रत्याशी नहीं बनाने पर सवाल हुआ तो उन्होंने कहा था, "अभी 2024 का चुनाव है, इस चुनाव में जिसको लड़ाना होगा मैं लड़ाऊंगा. इतने कम महीनों के चुनाव में क्यों मैं उन्हें चुनाव लड़वा दूं."


इन लोगों के अलावा सपा परिवार के तेज प्रताप सिंह यादव की दावेदारी भी मानी जा रही है. तेज प्रताप सिंह यादव लोकसभा उपचुनाव 2014 में मैनपुरी उम्मीदवार बनाए गए थे. तब मुलायम सिंह यादव द्वारा खाली की गई सीट पर ही इन्हें पार्टी ने प्रत्याशी बनाया था. दूसरी ओर अखिलेश यादव का भतीजा होने के साथ ही वे परिवार में उनके भरोसेमंद लोगों में गिने जाते हैं. इस वजह से भी उनके एक बार फिर नेताजी द्वारा खाली की गई सीट पर उम्मीदवार बनाए जाने की चर्चा है.


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