UP News: उत्तराखंड (Uttarakhand) में यूनिफॉर्म सिविल कोड (Uniform Civil Code) जल्द ही लागू होने की संभावना है. वहीं संभावना जताई जा रही है कि केंद्र सरकार भी मानसून सत्र (Monsoon Session) के दौरान यूसीसी संसद में पेश कर सकती है. इसको लेकर बीजेपी (BJP) के विरोधियों की प्रतिक्रिया आ रही हैं. अब समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने भी यूसीसी पर प्रतिक्रिया दी है.
सपा प्रमुख ने कहा, "यूनिफॉर्म सिविल कोड की बात इसलिए की जा रही है क्योंकि ज़मीनी स्तर पर काम नहीं किया. अगर बीजेपी के लोग रवींद्र नाथ टैगोर को पढ़ लेंगे तो हो सकता है बीजेपी वाले यूनिफॉर्म सिविल कोड की बात ही नहीं करेंगे." इससे पहले उत्तराखंड सरकार द्वारा गठित विशेषज्ञों की समिति की प्रमुख न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) रंजना प्रकाश देसाई ने कहा था कि उत्तराखंड के लिए प्रस्तावित समान नागरिक संहिता (यूसीसी) का मसौदा तैयार हो गया है और इसे जल्द ही राज्य सरकार को सौंप दिया जाएगा.
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पिछले साल गठित हुई थी समिति
उत्तराखंड सरकार ने पिछले साल विशेषज्ञों की एक समिति गठित की थी. इस समिति की प्रमुख देसाई ने कहा कि समिति ने सभी प्रकार की राय और चुनिंदा देशों के वैधानिक ढांचे सहित विभिन्न विधानों एवं असंहिताबद्ध कानूनों को ध्यान में रखते हुए मसौदा तैयार किया है. उन्होंने कहा कि इसके अलावा, समिति ने उत्तराखंड के विभिन्न हिस्सों में प्रचलित विभिन्न पारंपरिक प्रथाओं की ‘‘बारीकियों’’ को समझने की कोशिश की है. उन्होंने कहा, ‘‘प्रारूप संहिता के साथ समिति की रिपोर्ट जल्द ही प्रकाशित की जाएगी और उत्तराखंड सरकार को सौंप दी जाएगी.’’
इस समिति का गठन उत्तराखंड के निवासियों के व्यक्तिगत दीवानी मामलों से जुड़े विभिन्न मौजूद कानूनों पर गौर करने और विवाह, तलाक, संपत्ति के अधिकार, उत्तराधिकार, विरासत, गोद लेने और रखरखाव जैसे विषयों पर मसौदा कानून या कानून तैयार करने या मौजूदा कानूनों में बदलाव का सुझाव देने के लिए किया गया था. इस संबंध में एक अधिसूचना 27 मई, 2022 को जारी की गई थी.