UP Politics: अखिलेश यादव बोले- 'धंस चुका पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे, मुख्यमंत्री ले रहे थे श्रेय', अब रखी अपनी ये बड़ी मांग
सपा प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने कहा है कि पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे दो बार धंस चुका है. इनकी गुणवत्ता और रखरखाव की जांच होनी चाहिए. तभी घोटाले और भ्रष्टाचार की सच्चाई का पता चल पाएगा.
UP News: समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने कहा है कि बीजेपी (BJP) राज में उत्तर प्रदेश में विकास का विनाश ही होता रहा है. खुद कोई विकासकार्य करने के बजाय बीजेपी सरकार ने या तो समाजवादी सरकार के कामों पर अपना ठप्पा लगाया या फिर उन्हें बर्बाद करने का काम किया. लेकिन उसने जो भी किया उसमें घोटाला जरूर मिलेगा.
सपा प्रमुख ने कहा, "चौबीस घंटा भी नहीं बीता कि पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे दो बार धंस चुका है. इस सड़क के लोकार्पण के बाद ही इसके धंसने की खबर थी. यहां दुर्घटना भी हो चुकी है. सुल्तानपुर में पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे धंस गया है. यही स्थिति बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे की भी है. पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे हो या बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे दोनों की गुणवत्ता मानकों के विपरीत है और ये यात्रा के लिए खतरनाक बनी हुई है. इनकी गुणवत्ता और रखरखाव की जांच होनी चाहिए. तभी घोटाले और भ्रष्टाचार की सच्चाई का पता चल पाएगा. मुख्यमंत्री जी इनका श्रेय ले रहे थे, अब इस भ्रष्टाचार का श्रेय कौन लेगा?"
सरकार की नीयत में ही बुनियादी खोट
अखिलेश यादव ने कहा, "एक्सप्रेस-वे के घोटाले की कड़ी में बीजेपी राज में वृक्षारोपण का घोटाला भी सामने आ रहा है. पिछले वर्ष 31 करोड़ वृक्ष लगाने का सरकारी दावा था. इस वर्ष 35 करोड़ वृक्षारोपण का लक्ष्य घोषित है. बीजेपी सरकार के 6 साल में 132 करोड़ वृक्ष लगाये जाने का दावा है. सवाल यह है कि इतने पेड़ कहां लगे हैं? कितने क्षेत्रफल में वृक्षारोपण हुआ है? भाजपाई पारदर्शिता की बाते बहुत करते हैं उन्हें यह बताने में क्यों संकोच है कि कहां-कहां कितने पेड़ लगा दिए गए? लगे हाथ ये भी बता दें कि उनके शासन काल में कितने पेड़ काटे गए हैं?"
उन्होंने कहा, "सच तो यह है कि बीजेपी सरकार की नीयत में ही बुनियादी खोट है. इसके परिणाम स्वरूप जनहित में वह एक भी योजना कार्यान्वित नहीं कर पाई है. उसका सारा ध्यान सत्ता में काबिज रहने के लिए चुनाव और योजनाओं में घपला करने पर ही रहता है. भाजपा सरकार के कारनामों की सजा जनता भुगत रही है. आगे चुनाव में इसकी सजा बीजेपी भुगतेगी. अब बीजेपी राज की आखिरी गिनती शुरू हो गई है."