UP News: भारतीय निर्वाचन आयोग (Election Commission of India) ने बीते दिनों समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) को एक नोटिस जारी किया था. ये नोटिस अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के एक बयान के बाद जारी किया था. सपा प्रमुख ने अपने इस बयान में कहा था कि हर विधानसभा सीट पर हमारे यादव और मुस्लिम समुदाय के करीब 20-20 हजार वोटरों को बीजेपी (BJP) के साथ मिलकर चुनाव आयोग ने हटा दिया. जिसके बाद आयोग ने इस मामले में सपा से सबूत मांगे थे. अब सपा ने सबूत जुटाने के लिए बड़ा कदम उठाया है. 


आयोग द्वारा सबूत मांगे जाने के बाद अब सपा ने इस संबंध में अपने प्रत्याशियों के लिए एक चिट्ठी जारी की है. चिट्ठी में कहा गया है, "अखिलेश यादव द्वारा आयोग में मतदाता सूची में गलत ढंग से काटे गए नामों की सूची सबूत और दस्तावेज सहित जमा करना है. आप अपने विधानसभा क्षेत्र और प्रत्येक बूथ की मतदाता सूची में गलत ढंग से काटे गए नामों की सूची बना लें."



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सपा ने चिट्ठी के जरिए मांगे ये कागजात
सपा द्वारा जारी चिट्ठी में लिखा गया है, "मतदाता सूची में दर्ज नाम तथा मतदाता सूची से काटे गए नाम दोनों के मतदाता सूची के पेज एकत्रित कर लें, गलत ढंग से जिसका नाम काटा गया है उस व्यक्ति का शपथ पत्र देना होगा. मतदाता सूची से नाम काटने की कि गई शिकायत की छाया प्रति तथा मतदाता सूची दस्तावेज सबूत सहित तीन नवंबर 2022 तक हर हाल में अनिवार्य रूप से प्रदेश कार्यालय में जमा करा दें."



दरअसल, अखिलेश यादव ने कहा था, "कोई विधानसभा ऐसी नहीं है, जिसमें यादव और मुसलमान भाईयों के 20 हजार वोट नहीं काट दिए गए हों. मैं कई बार कह चुका हूं और फिर कह रहा हूं. वे जांच करके देख लें तो पता चल जाएगा, कई जगहों से 20-20 हजार वोट हटा दिए गए हैं. कई वोटरों के नाम काट दिए और कई वोटरों को दूसरे बूथ पर पहुंचा दिया." जिसके बाद निर्वाचन आयोग ने नोटिस जारी कर इसके सबूत 10 नवंबर तक मांगा है.