UP Politics: गोरखपुर में पूर्व कैबिनेट मंत्री और समाजवादी पार्टी नेता हरिशंकर तिवारी की प्रतिमा के लिए बन रहे चबूतरे तोड़े जाने के मामले में राजनीति तेज होती जा रही है. समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने 5 अगस्त को हरिशंकर तिवारी की जयंती पर गोरखपुर के उनके पैतृक गांव जाने की बात कही है.


अखिलेश यादव के गोरखपुर दौरे को राजनीतिक जानकार उनका बड़ा सियासी दांव मान रहे हैं. जानकारों का दावा है कि समाजवादी पार्टी ने लोकसभा चुनाव में जिस तरह पीडीए के तहत दलित और पिछड़े वोट बैंक को साधने में कामयाब हुए थे. अब अखिलेश यादव की नजर यूपी में बीजेपी के सबसे बड़े वोट बैंक यानी ब्राह्मण समाज पर है. जानकारों का कहना है कि पहले माता प्रसाद पांडे को नेता प्रतिपक्ष बनाना और पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वर्गीय हरिशंकर तिवारी की जयंती पर उनके गांव जाना अखिलेश यादव की सियासी रणनीति का बड़ा हिस्सा है.


बीजेपी के ब्राह्मण वोट बैंक पर सेंध लगाने की कोशिश
अखिलेश यादव ने पूर्व मंत्री हरिशंकर तिवारी के बहाने पूर्वांचल में बड़ा सियासी दांव चला है. दरअसल हरिशंकर तिवारी की जयंती पर उनके पैतृक गांव टांडा में बिना इजाजत प्रतिमा स्थापित करने के लिए बन रहे चबूतरे को प्रशासन तोड़ दिया था जिसका स्थानीय स्तर पर विरोध हो रहा था. अब सपा प्रमुख ने इसे मुद्दा बनाकर बीजेपी के ब्राह्मम वोट बैंक पर सेंध लगाने की कोशिश की है.


अखिलेश यादव ने साफ किया है कि उनके पहले से कई कार्यक्रम निर्धारित हैं लेकिन फिर भी वे हरिशंकर तिवारी की जयंती से संबंधित कार्यक्रम में गोरखपुर जरूर जाएंगे. अखिलेश यादव ने एक्स पर लिखा "लोकप्रिय विधायक रहे उप्र के पूर्व कैबिनेट मंत्री स्व. हरिशंकर तिवारी जी की जयंती, 5 अगस्त, पर चिल्लूपार, गोरखपुर में उनकी प्रतिमा के ‘स्थापना-समारोह’ के संदर्भ में आयोजित ‘विकास की अवधारणा एवं जन नायक प. हरिशंकर तिवारी’ विषयक संगोष्ठी में बीज वक्तव्य देने हेतु आपके स्नेह-आमंत्रण पर हार्दिक धन्यवाद. उन्होंने यह भी लिखा कि 'पूर्व नियोजित कार्यक्रमों में व्यस्तताओं के बावजूद भी इस कार्यक्रम में शामिल होने का पूरा प्रयास रहेगा.


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