UP Politics: 'CM योगी की कार्यशैली पर केशव प्रसाद मौर्या ने फिर उठाया सवाल'- सपा का दावा
उत्तर प्रदेश में 69 हजार शिक्षक भर्ती के मेरिट लिस्ट को लेकर आए इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के बाद अब एक बार फिर से समाजवादी पार्टी ने सरकार पर जुबानी हमले तेज कर दिए हैं.
UP News: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश में सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा (एटीआरई) के तहत 69 हजार शिक्षकों की नियुक्ति के लिए जारी की गई मेरिट लिस्ट को रद्द कर दिया है. साथ ही कोर्ट ने नए सिरे से मेरिट लिस्ट तीन महीने के अंदर जारी करने का आदेश दिया है. इस आदेश के बाद एक बार फिर सिसायी जंग तेज हो गए है.
दरअसल, हाईकोर्ट के फैसले के बाद अपना दल एस प्रमुख और केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने फैसले का स्वागत किया. लगभग उन्हीं के सुर में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य भी नजर आए. उन्होंने भी हाईकोर्ट के फैसले का स्वागत किया. केशव प्रसाद मौर्य ने अपनी प्रतिक्रिया सोशल मीडिया के जरिए दी.
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क्या बोले डिप्टी सीएम
उन्होंने लिखा, 'शिक्षकों की भर्ती में इलाहाबाद हाईकोर्ट का फ़ैसला सामाजिक न्याय की दिशा में स्वागत योग्य कदम है. यह उन पिछड़ा व दलित वर्ग के पात्रों की जीत है जिन्होंने अपने अधिकार के लिए लंबा संघर्ष किया. उनका मैं तहेदिल से स्वागत करता हूं.' उनकी इस प्रतिक्रिया ने विपक्षी दलों को मौका दे दिया.
डिप्टी सीएम की प्रतिक्रिया आने के बाद सपा नेता आईपी सिंह ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर लिखा, 'मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यशैली पर केशव प्रसाद मौर्या ने फिर सवाल उठा दिया है. आज हमारी भाषा बोलने पर विवश हैं समाजिक न्याय की बात कर रहे हैं. हाई कोर्ट के फैसले को स्वागत योग्य कदम बताया है.'
उन्होंने आगे कहा, 'मानसून ऑफर का समय माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष जी बढ़ा सकते हैं. सवर्ण मानसिकता वाली योगी सरकार है जिसमें दलित वंचित शोषित एवं पिछड़ों को न्याय नहीं मिल सकता.' बता दें कि उच्च न्यायालय ने सरकार एवं अन्य संबंधित निकायों को आदेश दिया है कि तीन माह में नई सूची जारी करने की कार्यवाही पूर्ण कर ली जाये. याचिकाकर्ताओं ने विशेष अपीलों के माध्यम से एकल पीठ के 13 मार्च 2023 के निर्णय को चुनौती दी थी.