Samajwadi Party Convention: उत्तर प्रदेश में मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) का दो दिवसीय अधिवेशन बुधवार से शुरू होगा. ये अधिवेशन सुबह 11 बजे से लखनऊ (Lucknow) के रमाबाई मैदान (Ramabai Maidan) में शुरु होगा. हालांकि इस बार ये अधिवेशन पांच सालों पर हो रहा है. हम आपको सपा अधिवेश के इतिहास से जुड़ी कुछ जानकारियों के बारे में रूबरू कर रहे हैं.
समाजवादी पार्टी का अधिवेशन पहले बार पांच सालों पर हो रहा है. पार्टी की स्थापना के वक्त ये अधिवेशन दो सालों पर होता था. तब 1992, 1994 और 1996 में अधिवेशन हुआ. इसके बाद ये अधिवेशन तीन सालों पर होने लगा. तब 1999, 2002, 2005, 2008, 2011, 2014 और 2017 में अधिवेश हुआ था. लेकिन 2017 में तय किया गया कि अब ये अधिवेशन पांच साल पर होगा. ये पहला मौका है जब सपा का अधिवेशन पांच साल बाद हो रहा है.
कब हुई थी स्थापना?
समाजवादी पार्टी की स्थापना चार अक्टूबर 1992 में हुई थी. तब मुलायम सिंह यादव इसके संस्थापक थे और उन्हीं के पास अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी थी. तब से अब तक कुल 11 अधिवेशन हो चुके हैं, लखनऊ में होने वाला ये अधिवेशन 12वां है.
सपा की स्थापना से लेकर 31 दिसंबर 2016 तक मुलायम सिंह यादव सपा के अध्यक्ष रह चुके हैं. इसके बाद एक जनवरी 2017 को अखिलेश यादव को सपा अध्यक्ष की जिम्मेदारी पहली बार मिली थी. इसके बाद पिछले अधिवेशन में उन्हें फिर से सपा प्रमुख बनाया गया. अब एक बार फिर से अखिलेश यादव का ही सपा प्रमुख बनना तय है.
ये रह चुके हैं प्रदेश अध्यक्ष
जब पार्टी की स्थापना हुई तब रामशरण दास को प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी मिली थी. वे अगले 14 सालों प्रदेश अध्यक्ष बने रहे, इसके बाद 2006 में शिवपाल सिंह यादव को प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया. वहीं 2010 में अखिलेश यादव को प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया. फिर 2016 से लेकर 12 अधिवेशन तक नरेश उत्तम पटेल के पास प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी है. यहां अधिवेशन के दौरान नए प्रदेश अध्यक्ष के नाम का एलान होगा.
ये भी पढ़ें-
UP Politics: आज से लखनऊ में शुरू होगा सपा का दो दिवसीय अधिवेशन, कल होगा राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव