UP Election 2022: 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश में एक तरफ जहां सियासी दल अयोध्या (Ayodhya) की परिक्रमा कर रहे हैं, प्रभु श्री राम की शरण में जा रहे हैं तो वहीं, अब यह संकेत मिल रहे हैं कि समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) श्री कृष्ण के सहारे चुनाव में अपने धार्मिक एजेंडे को आगे बढ़ाएगी. आज पार्टी कार्यालय पर अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने श्री श्याम चरित मानस काव्य खंड का विमोचन कर इसके संकेत दिए हैं.
कई नेताओं ने थामा सपा का दामन
2022 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले समाजवादी पार्टी इस कोशिश में जुटी है कि, अलग-अलग सियासी दलों को अपने साथ लाया जाए और इसी कड़ी में आज भी कई दलों के नेता समाजवादी पार्टी में शामिल हुए तो वहीं, कुछ पुराने समाजवादियों ने घर वापसी की. अखिलेश यादव ने आज बीजेपी के राज्यसभा सदस्य जयप्रकाश निषाद के सगे भाई जितेंद्र निषाद को सपा की सदस्यता दिलाई. अखिलेश यादव ने इस मौके पर प्रदेश सरकार पर जमकर निशाना साधा, अखिलेश यादव ने साफ तौर पर कहा कि, अब इस सरकार के जाने का वक्त आ गया है, अखिलेश यादव ने लगातार सरकार की तरफ से की जा रही कार्रवाई पर कहा कि, अब सरकार को अपना चुनाव चिन्ह बुलडोजर रख लेना चाहिए. बुलडोजर में स्टेयरिंग होता है आज इधर घूमा है कल उधर घूम सकता है.
श्री श्याम चरित मानस का विमोचन
आज पार्टी कार्यालय पर कई पुस्तकों का विमोचन भी अखिलेश यादव ने किया. इनमें सबसे महत्वपूर्ण श्री श्याम चरित मानस रही, जिसे माधवदास यादव ने लिखा था. ये अवधी भाषा में लिखा काव्य खंड जिसमें कुल 9 खण्ड हैं. इस किताब के लेखक कुछ समय पहले मृत्यु हो गई थी. आज उनके बेटे इस विमोचन के मौके पर मौजूद रहे, उन्होंने कहा कि, ये श्रीकृष्ण की जीवन लीलाओं का अवधी भाषा मे सरल वर्णन है.
कृष्ण के वंशज हैं
दरअसल, इससे पहले भी कई मौके पर अखिलेश यादव यह कह चुके हैं कि, वह श्री कृष्ण के वंशज हैं. श्री कृष्ण को पूजने वाले हैं. इतना ही नहीं कुछ समय पहले तो उन्होंने श्रीकृष्ण की भव्य प्रतिमा लगाने का भी ऐलान किया था और वो लगाई भी जा रही है. ऐसे में संकेत साफ है कि समाजवादी पार्टी श्री कृष्ण के सहारे इस चुनाव में आगे बढ़े. समाजवादी पार्टी के विधायक कह रहे हैं कि भगवान दिल में बसते हैं अब धर्म पर राजनीति करने वालों को कुछ नहीं होने वाला और उनके राष्ट्रीय अध्यक्ष सभी धर्मों को मानते हैं.
बीजेपी ने सपा पर साधा निशाना
धर्म आस्था का नाम है, कोई हाथ जोड़कर पूजा करता है कोई हाथ फैला कर. वहीं, बीजेपी इसे लेकर अब समाजवादी पार्टी और अखिलेश यादव पर निशाना साध रही है. पार्टी के प्रवक्ता समीर सिंह का कहना है कि, अखिलेश जी को राम और कृष्ण से प्यार नहीं है, अखिलेश यादव को वोट से प्यार है. अखिलेश यादव को पहले कारसेवकों की हत्या के लिए माफी मांगनी चाहिए, कृष्ण और श्याम से पहले उन्हें यह बताना चाहिए कि वह इसे अपने एजेंडे में कब लाएंगे. श्री कृष्ण जन्मभूमि में जो मस्जिद है उसे कब हटवाएंगे. साथ ही वो ये भी कहते हैं कि अखिलेश यादव हताश और निराश हैं.
सियासी दलों को ये अच्छी तरह से पता है कि, उत्तर प्रदेश में वोट धर्म और जाति के आधार पर ही मिलते हैं, और शायद इसीलिए चुनाव से पहले कोई श्री राम की शरण में जा रहा है तो कोई श्री कृष्ण की शरण में. अब आशीर्वाद जनता का किसे मिलेगा यह तो 2022 के चुनाव के बाद ही पता चलेगा.
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