Lok Sabha Election Result 2024: लोकसभा सामान्‍य निर्वाचन का परिणाम आने के बाद कई राजनीतिक चर्चाएं हो रही हैं. गोरखपुर से बीजेपी सांसद रविकिशन को गठबंधन से सपा प्रत्‍याशी काजल निषाद ने कड़ी टक्‍कर देते हुए पिछली बार के हार के 3 लाख के अंतर को घटाकर 1 लाख पर ला दिया. वे कहती हैं, कड़ा मुकाबला रहा है. वे दमदारी के साथ लड़कर चुनाव भले ही नहीं जीत सकीं. गोरखपुर की जनता का उन्‍होंने दिल जीता है. इसलिए हारकर भी उनकी जीत हुई है. हम आपको आज मिलाते हैं काजल निषाद से. जो अभिनेत्री से नेत्री बनी हैं. खुद को गोरखपुर की बहुरिया कहती हैं. गुजराती ब्राह्मण परिवार से होना गर्व से स्‍वीकार करती हैं, लेकिन कहती हैं कि शादी के बाद से निषाद हो गई हैं. काजल निषाद शुद्ध शाकाहारी हैं. नॉनवेज डिश को उन्‍होंने टीवी पर देखा है. वे पेंटिंग और कविता लिखने का शौक रखती हैं. काजल रील लाइफ की फिल्‍म नायक से इंस्‍पायर हैं. रियल लाइफ में वे अनिल कपूर के रील लाइफ के नायक फिल्‍म के किरदार को निभाना चाहती हैं.


एबीपी लाइव ने बात की गोरखपुर से गठबंधन की सपा प्रत्याशी रहीं काजल निषाद ने गोरखपुर की जनता को धन्यवाद दिया है. उन्होंने कहा कि उन्हें गोरखपुर की जनता का प्यार और आशीर्वाद मिला है इसके लिए वह कोटि-कोटि धन्यवाद देती हैं. उन्हें गोरखपुर के 4,83,828 मत मिले हैं. यह उनके लिए बहुत बड़ा आशीर्वाद है. वह कहती है कि उनकी जीत से ज्यादा मेरी हर की चर्चा है. यह मेरी जनता का कमाल है. उन्होंने जो परिश्रम किया और जनता ने आशीर्वाद दिया यह उसी का नतीजा है. लोकतांत्रिक प्रक्रिया में हार-जीत का अलग पैमाना है. वे जनता के बीच में रहती हैं, इसलिए उन्होंने जनता का दिल जीता है. कल परिणाम आया था. आज दूसरा दिन है. आज ही वे जनता का धन्यवाद देने के लिए क्षेत्र में निकल गई थीं. वह कहती है कि बहुत सी सीटों पर पीडीए फार्मूला काम किया है. पीडीए की लहर अधिकतर सीटों पर देखने को मिली है. इसी लहर और हवा की वजह से इंडिया गठबंधन की अधिकतर प्रत्याशी जीते हैं. 


निषाद समाज का आशीर्वाद मिला- सपा नेता
काजल कहती है कि सर्व समाज का आशीर्वाद उन्हें गोरखपुर में मिला है, लेकिन निषाद समाज का भी आशीर्वाद मिला है. काजल निषाद कहती हैं कि गोरखपुर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की साख जुड़ी हुई थी. उन्होंने हर विधानसभा में सभाएं की अधिकतर में गोरखपुर में ही रहते थे. सप्ताह के 7 दिन में 4 से 5 दिन में गोरखपुर रहते थे. यही वजह है कि आसपास की सीटों पर भी इसका असर पड़ा और इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी जीत गए. वे कहती हैं कि काजल का डर भाजपा को सता रहा था. यही वजह है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उनका गढ़ होने के बावजूद यहां 5 बार सांसद रहे और अब मुख्यमंत्री हैं. भाजपा के कद्दावर नेता हैं. उनको हर विधानसभा में दो-दो सभाएं करनी पड़ी.


रवि किशन को काजल का डर सता रहा था इस सवाल पर वह कहती हैं कि यह साफ है कि न वह क्षेत्र में जाते हैं और न ही लोगों से मिलते-जुलते हैं. इसके बावजूद वो किसी तरह से खींचतान कर मुख्यमंत्री जी के आशीर्वाद से ये सीट प्राप्त की. 2012 में कांग्रेस के टिकट पर गोरखपुर ग्रामीण से पहली बार चुनाव लड़ने आईं थी. इसके बाद उन्होंने साल 2017 में कैंपियरगंज से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा. यहां उन्हें हार का सामना करना पड़ा. इसके बाद उन्होंने निकाय चुनाव और फिर लोकसभा का चुनाव सपा की टिकट पर लड़ा. लेकिन इसमें भी उन्हें हार सामना करना पड़ा, लेकिन काजल अब परिपक्व हो गईं हैं. वे लोगों के बीच रहती हैं. उनके सुख-दुःख में खड़ी रहती हैं. वे समाजसेवी हैं. 2010 से जनता के बीच हैं. 2012 में चुनाव लड़ीं. 2014 में स्टार प्रचारक रहीं. 2017 में फिर चुनाव लड़ीं. 2021 में फिर चुनाव लड़ीं. 21-22-23-24 में लड़ीं. 


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काजल निषाद को पसंद है ये काम
भाजपा से भी उन्हें चुनाव लड़ने का ऑफर आया था, लेकिन उनकी विचारधारा भाजपा की विचारधारा कभी नहीं मिलेगी. आगे ऑफर आएगा तो वे हार स्वीकार करेंगी, लेकिन भाजपा में कभी नहीं जाएंगी. उनका परिवार उनकी जनता है. उनका परिवार उनका गोरखपुर है. वे पेंटिंग करती हैं. उन्हें कविता लिखना पसंद है. वे कहती हैं कि खाना बनाना पसंद है. वे गृहणी है और सभी तरह का खाना बना लेती हैं. काजल रहती है कि वह पूरी तरह से प्योर वेजीटेरियन हैं. उन्होंने नॉनवेज टीवी और आसपास बैठे लोगों को खाते देखा होगा. इसके पहले उन्होंने कभी नॉनवेज नहीं देखा था. काजल इस बात को सहर्ष स्वीकार करती हैं कि वह गुजराती ब्राह्मण परिवार से ताल्लुक रखती हैं. लेकिन वह कहती है की बेटी की डोली मायके से उठती है. शादी के बाद वे निषाद हैं और रहेंगी. गुजरात की काजल को बिहार की लिट्टी चोखा काफी पसंद है. वह कहती है कि गोरखपुर में उन्होंने इसे खाया है. गुजरात का फेफला अच्छा लगता है.


काजल फिल्में देखने की शौकीन हैं. वह कहती है कि समाज को संदेश देने वाली कोई फिल्म आती है तो उन्हें देखना काफी पसंद है. अक्सर घर पर खाली समय में वे पेंटिंग या फिर कविताएं लिखने का शौक पूरा करती हैं. इसके अलावा भी फिल्में देखना पसंद करती हैं. काजल रहती है कि नायक फिल्म और नायक फिल्म का किरदार उन्हें काफी प्रभावित करता है. ऐसी मूवी देखना उन्हें अच्छा लगता है. पुरानी सभी मूवी उन्हें अच्छी लगती है. देश में बड़ा बदलाव करने का मौका मिले, तो वह क्या करना चाहेंगी. इस सवाल के जवाब में वे कहती हैं कि वे रील लाइफ के अनिल कपूर का किरदार रियल लाइफ में निभाना चाहेंगी.